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बिहार में पहली बार BRABU में शुरू होगा बीएलएड डिग्री कोर्स, उच्चतर शिक्षा परिषद ने दी हरी झंडी

बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय में अभी तक इस डिग्री की पढ़ाई नहीं हो रही है. पूरे पूर्वी भारत के विश्वविद्यालय में केवल पश्चिमी बंगाल के एक कॉलेज में इस कोर्स की अभी पढ़ाई होती है. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू हो जाने की उम्मीद है.

बिहार में बीएलएड (बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन) डिग्री की शुरूआत होने जा रही है. इस डिग्री के जरिये कक्षा एक से आठ तक के शिक्षक नियोजन में बहाली की जा सकेगी . यह डिग्री पूरे देश में मान्य होगी. बिहार में इस डिग्री की शुरुआत बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय से किया जा रहा है. उसके प्रस्ताव को बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद ने हरी झंडी दे दी है. अंतिम मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव राजभवन भेजा गया है.

बिहार में पहली बार होगी इसकी शुरुआत

अभी तक बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय में इस डिग्री की पढ़ाई नहीं हो रही है. पूरे पूर्वी भारत के विश्वविद्यालय में केवल पश्चिमी बंगाल के एक कॉलेज में इस कोर्स की अभी पढ़ाई होती है. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू हो जाने की उम्मीद है.

अंतिम मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया यह प्रस्ताव

दरअसल केवल राजभवन को इसको मंजूरी देना रह गया है. यह पाठ्यक्रम पूरी तरह यूजीसी गाइडलाइन के तहत होगा. यह कोर्स चार वर्षीय होगा. अंबेडकर विश्वविद्यालय के तहत इसका सबसे पहली संबद्धता मुजफ्फरपुर के चांदपुर स्थित दुलारी इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन को मिलने जा रही है.

डीएलएड से इस तरह भिन्न होगी यह डिग्री

बीएलएड में तीन वर्षीय स्नातक कोर्स करने के साथ- साथ एक साल का शिक्षण भी पढ़ाया जाता है. इस तरह इस चार वर्षीय कोर्स में पारंपरिक स्नातक डिग्री के साथ शिक्षण की भी डिग्री मिल जाती है. वहीं डीएलएड, इंटर के बाद दो साल का डिप्लोमा कोर्स है. उसमें विद्यार्थी को तीन साल का स्नातक अलग से करना होता है.

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बीएलएड क्षेत्र में संभावनाएं

बीएलएड डिग्री धारी सरकारी और निजी क्षेत्र में एक शिक्षक के रूप में अपना कैरियर शुरू कर सकते हैं. प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक होने के अलावा, शिक्षा सलाहकार, शैक्षणिक समन्वयक बनने के भी अवसर मिल सकते हैं.

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