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नीली क्रांति से बदल सकती है बिहार की तस्वीर : सम्राट

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा नीली क्रांति से बिहार की तस्वीर बदल सकती है. जरूरत है इसे सरजमीं पर उतारने की.

ज्ञान भवन में बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का उद्घाटन

संवाददाता,पटना

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा नीली क्रांति से बिहार की तस्वीर बदल सकती है. जरूरत है इसे सरजमीं पर उतारने की. बिहार की दो सबसे बड़ी समस्या है आबादी और पानी.यदि इसे ताकत बना लिया जाए, तो राज्य काफी उन्नति कर सकता है.नेपाल से निकलने वाली नदियां बिहार में बर्बादी लाती हैं. यदि सही जल प्रबंधन कर लिया जाए, तो मछलीपालन के जरिये राज्य में खुशहाली आ सकती है. श्री चौधरी गुरुवार को ज्ञान भवन में बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो के उद्घाटन के बाद उपस्थित मछली और मुर्गीपालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि महिलाओं को मछलीपालन और मुर्गीपालन के क्षेत्र में आगे आना चाहिए. गुजरात की तर्ज पर स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से बिहार की महिलाएं भी लखपति दीदी बन सकती हैं.श्री चौधरी ने कहा कि भारत तभी समृद्ध होगा जब बिहार समृद्ध होगा. इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के कियोस्क का उद्घाटन किया.

लाइव स्टाॅक से ग्रामीण क्षेत्र में प्रगति हो सकती है: चैतन्य प्रसाद

विकास आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने कहा कि लाइव स्टाॅक से ग्रामीण क्षेत्र में प्रगति हो सकती है. कृषकों की जीविका में पशुपालन, मुर्गीपालन व मछलीपालन का बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि एक्वा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. मछलीपालन के साथ-साथ जल संप्रदा से आर्थिक समृद्धि हो सकती है. निजी उद्यमिता से ही यह क्षेत्र आगे बढ़ेगा. विकास आयुक्त कहा कि मछलीपालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री समेकित चौर विकास योजना पर कार्य किया जा रहा है.

बकरीपालन और मछलीपालन का बनेगा फेडरेशन: डॉ एन विजय लक्ष्मी

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव डाॅ एन विजयलक्षमी ने कहा कि राज्य में काॅम्फेड की तर्ज पर बकरीपालन और मछलीपालन का फेडरेशन बनेगा. उन्होंने कहा कि कृषि से अर्थोपार्जन के क्षेत्र में पशुपालन का योगदान एक तिहाई है.मछली उत्पादन में बिहार का दूसरा स्थान है.डाॅ विजयलक्षमी ने कहा कि इस एक्सपो का मकसद मछलीपालन, मुर्गीपालन और अंडा उत्पादन के क्षेत्र में आ रही कठिनाइयों काे जानना और उसे तकनीकी व प्रशासनिक रूप से दूर करना है. वहीं,बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ डीआर सिंह ने कहा कि बिहार से 60 लाख टन मक्का पाॅल्ट्री फीड निर्माण के लिए बाहर जाता है. राज्य में पाॅल्ट्री फीड के कारखाने लगने चाहिए. एक्वेरियम के क्षेत्र में स्टार्टअप और उद्यमियों को आगे आना चाहिए.कार्यक्रम को आइसीएआर अटारी जोन फोर के निदेशक डाॅ अंजनी सिंह, मत्स्य संसाधन के निदेशक अभिषेक कुमार व इन्फा के अध्यक्ष डाॅ सिरिस निगम ने भी संबोधित किया. मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन आयोजक संस्था राइटर्स एंड क्रिएटर्स के प्रमुख डाॅ राकेश कश्यप ने किया.

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