संवाददाता, पटना राज्य में नौका नियमावली बनायी जायेगी. इसका मकसद बालू के अवैध कारोबार पर लगाम लगाना, नदियों में नाव हादसों में कमी लाना और सरकार का राजस्व बढ़ाना है. इसके तहत नियमावली बनने के बाद नाव मालिकों को नदियों में नाव से पहले पंचायती राज विभाग के अधीन नावों का निबंधन कराना होगा. किसी भी नदी में बिना निबंधन किये नावों को नहीं चलाया जा सकेगा. बिना निबंधन नदियों में नाव चलाने पर उसके मालिक को मोटा जुर्माना भरना होगा. यदि नाविक अपनी नाव में किसी प्रकार का बदलाव करते हैं या फिर डीजल इंजन या दूसरी कोई मशीन लगाते हैं ,तो उन्हें इसके लिए सरकार से अनुमति प्राप्त करनी होगी. सूत्रों के अनुसार नयी नियमावली को लागू करने से पहले वर्तमान में जारी बंगाल फेरी अधिनियम 1885 को समाप्त किया जायेगा. वहीं ,शाम साढ़े पांच बजे के बाद किसी भी नदी में नाव की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी. दरअसल नदियों से अधिकतर अवैध बालू खनन रात में ही होता है. इस नियमावली के लागू होने से अवैध बालू खनन पर रोक लग सकेगी. इसके साथ ही नाविकों को नियमावली बनने और प्रभावी होने के बाद अपनी नाव पर यह लिखना होगा कि उनकी नाव कितना भार उठा सकती है. नाविकों को इसके लिए अपनी नाव पर एक सफेद पट्टी बनाकर भार क्षमता प्रदर्शित करनी होगी. साथ ही नाव घाटों पर प्रशिक्षित तैराकों, गोताखोरों और नजदीकी पुलिस थाने और जिला प्रशासन के प्रमुख पदाधिकारियों के फोन नंबर प्रदर्शित करने होंगे.
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