पटना: तीसरी कक्षा का छात्र दसवीं के छात्रों को पढ़ाता है गणित, छोटे खान सर के नाम से है मशहूर
पटना के मसौढ़ी का रहने वाला बॉबी यूट्यूब पर पढ़ाई लिखाई की बहुत सारी वीडियो देखता है और बड़ा होकर वो एक वैज्ञानिक बनना चाहता है. बॉबी को इलाके के लोग छोटे खान सर के नाम से भी पुकारते हैं.
बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है यह बात एक बार फिर से पटना जिले के मसौढ़ी के रहने वाले तीसरी कक्षा के छात्र बॉबी राज ने सही साबित कर दी है. बॉबी भले ही तीसरी कक्षा में पढ़ता हो पर इसकी उम्र पर मत जाइए. इसकी याददाश्त इतनी अच्छी है कि इसे दसवीं तक के पाठ्यक्रम का गणित मुंह जुबानी याद है. इतना ही नहीं वह दसवीं तक के छात्रों को पूरी कुशलता के साथ पढ़ाता भी है. वह बड़े आसान तरीके से गणित के सूत्रों को सुलझा लेता है.
छोटे खान सर के नाम से है मशहूरमसौढी प्रखंड के चपौर गांव का रहने वाला बॉबी राज अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं. परिवार में कोई और बच्चा नहीं होने के कारण बॉबी हमेशा से अपने माता पिता के लिए बहुत खास रहा है. बॉबी यूट्यूब पर पढ़ाई लिखाई की बहुत सारी वीडियो देखता है और बड़ा होकर वो एक वैज्ञानिक बनना चाहता है. बॉबी को इलाके के लोग छोटे खान सर के नाम से भी पुकारते हैं.
बॉबी राज के पिता राजकुमार विकलांग हैं. बॉबी की मां चंद्रप्रभा का कहना है कि पिछले साल कोविड के चलते हुए लॉकडाउन में बॉबी अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर गणित के सवाल हल करता था. बॉबी ने बताया कि उनके माता-पिता और बहनें उसे पढ़ाती हैं जिससे उसे बहुत कुछ सीखने को मिला है. बॉबी के निपुणता की चर्चा आसपास के क्षेत्रों में फैली हुई है.
माता पिता ने अपने मकान में खोल रखा है स्कूलबॉबी के माता पिता ने अपने मकान में 2018 से एक स्कूल खोल रखा है. पांच कमरों के इस साधारण से स्कूल में कक्ष एक से दसवीं तक की पढ़ाई होती है. इस स्कूल में ग्रामीण बच्चे पढ़ते हैं इसी वजह से स्कूल की फीस भी काफी कम रखी गई है. अब फीस कम है इसलिए स्कूल में शिक्षक भी कम रखे गए हैं. ऐसे में सीनियर छात्र जूनियर कक्षा के बच्चों को भी पढ़ाते हैं.
Also Read: लालू यादव ने कहा- मैं चाहता हूं कि तेजस्वी संभाले बिहार की जिम्मेदारी, और सब मिल कर देश चलाएं सोनू सूद भी हुए थे प्रभावितविलक्षण प्रतिभा के धनी बॉबी ने पढ़ाने की कला अपने पिता से सीखी है. बड़ा होकर बॉबी वैज्ञानिक बन समाज सेवा करना चाहता है. बीते दिन जब अभिनेता सोनू सूद आए थे तो बॉबी भी वहां गया था. जहां उसने मंच पर जाकर कविता पाठ किया. बॉबी की इस कविता से वहां मौजूद लोगों के साथ साथ सोनू सूद भी काफी प्रभावित हुए थे.