पटना. एनआइए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने शुक्रवार को बाेधगया बम ब्लास्ट की साजिश के मामले के अभियुक्त व आतंकी जहीदुल इस्लाम को 10 वर्षों का कारावास व 38 हजार अर्थदंड की सजा सुनायी. अदालत ने इसे विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, विदेशी अधिनियम व आतंक विरोधी अधिनियम का दोषी पाते हुए उक्त सजा दी. यह बांग्लादेश का नागरिक है और जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़ा है. इस मामले में आठ आतंकियों को अदालत पहले ही सजा दे चुकी है. इन आतंकियों ने पहले ही अपना अपराध स्वीकार कर लिया था. जहीदुल ने बाद में अपराध स्वीकार करते हुए अदालत को आवेदन दिया.
एनआइए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने 17 दिसंबर को इस मामले में आठ अभियुक्तों को सजा सुनायी थी. इनमें से तीन को उम्रकैद और पांच को 10-10 वर्ष की कैद की सजा दी गयी थी. जिन तीन अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा दी थी, उनमें अहमद अली, पैगंबर शेख व नूर आलम शामिल थे. इन पर 39-39 हजार का जुर्माना भी लगाया गया था. वहीं, आदिश शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुसाकर रहमान व आरिफ हुसैन को 10-10 साल की सजा दी गयी थी.
पटना . एनआइए के विशेष जज के सजा देने से पहले जहीदुल इस्लाम ने अपराध स्वीकार करते हुए पश्चाताप किया और कहा कि उसने साजिश में सहयोग किया था. उसने बताया कि वह अब इस तरह का काम भविष्य में कभी नहीं करेगा. वहीं, उसके वकील ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बताया कि यह एक गरीब परिवार का व्यक्ति है और उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं.
इसलिए रहम की जाये. इसके बाद विशेष जज ने रहम करते हुए 10 साल की सजा व 38 हजार अर्थदंड की सजा सुनायी. उसे देशद्रोह व विस्फोटक पदार्थ एक्ट के तहत सजा दी गयी है. इन धाराओं में अधिकतम सजा उम्रकैद तक हो सकती है. इसी मामले विशेष जज ने तीन अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनायी थी. पर भविष्य में सुधार की संभावना को देखते हुए कोर्ट ने नरम रुख अख्तियार किया.
19 जनवरी, 2018 को बोधगया में निगमा पूजा के दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के साथ ही कई विदेशी धार्मिक गुरु गया में प्रवास कर रहे थे और बिहार के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी उपस्थित थे. अभियुक्तों ने साजिश के तहत कालचक्र मैदान के मुख्य गेट के सामने जेनरेटर के नीचे झोले में बम रखा था, जो निष्क्रिय किये जाने दौरान फट गया था.
श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर-4 की सीढ़ियों के पास से दो और आइइडी बरामद किये गये थे. इसके बाद तलाशी के क्रम में पुलिस ने विद्युत परिपथ तार, घड़ी मशीन, बैटरी, एक्स पोलेटेड डेटोनेटर और उजले रंग के सफेद पाउडर को बरामद किया था. 20 जनवरी, 2018 को बोधगया थाने में में कांड संख्या 34/2018 दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया.