बोधगया ब्लास्ट की साजिश: नौवें आतंकी के अपराध स्वीकारने की अर्जी मंजूर, सजा पर सुनवाई 11 फरवरी को
नौ आतंकियों के खिलाफ में एनआइए ने चार्जशीट दायर की थी. इनमें आठ ने अपना दोष स्वीकार कर लिया था. इसके बाद इन सभी को सजा सुनायी गयी थी. लेकिन, उस समयय जहीदुल इस्लाम ने दोष स्वीकार नहीं किया था.
पटना. बोधगया ब्लास्ट की साजिश के मामले के नौवें अभियुक्त व आतंकी जहिदुल इस्लाम के घटना में अपनी संलिप्तता को स्वीकार करने के आवेदन पर बुधवार को एनआइए कोर्ट में सुनवाई की गयी. एनआइए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा उसके आवेदन को स्वीकार करते हुए सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 11 फरवरी की तारीख तय की. जहिदुल इस्लाम ने पिछले दिनों ही अपराध स्वीकार करने का आवेदन दिया था. इस मामले में नौ आतंकियों के खिलाफ में एनआइए ने चार्जशीट दायर की थी. इनमें आठ ने अपना दोष स्वीकार कर लिया था. इसके बाद इन सभी को सजा सुनायी गयी थी. लेकिन, उस समयय जहीदुल इस्लाम ने दोष स्वीकार नहीं किया था. लेकिन, बाद में इसने कोर्ट में अपराध स्वीकार करने से संबंधित आवेदन दिया.
17 दिसंबर, 2021 को दी गयी थी आठ आतंकियों को सजा
एनआइए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने 17 दिसंबर को बोधगया ब्लास्ट की साजिश के मामले में आठ अभियुक्तों को सजा सुनायी थी. इनमें से तीन को उम्रकैद व जुर्माना और पांच को 10-10 वर्ष का कारावास व जुर्माना की सजा दी गयी थी. जिन्हें उम्रकैद की सजा दी थी, उनमें अहमद अली, पैगंबर शेख व नूर आलम शामिल थे. इन पर 39-39 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था, जबकि आदिश शेख, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम, मुस्तफर रहमान व आरिफ हुसैन 10-10 की सजा दी गयी थी.
दलाई लामा की यात्रा के दौरान लगाये गये थे आइइडी बम
19 जनवरी, 2018 को बोधगया में निगमा पूजा के दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के साथ ही कई विदेशी धार्मिक गुरु गया में प्रवास कर रहे थे और बिहार के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी उपस्थित थे. अभियुक्तों ने साजिश के तहत कालचक्र मैदान के मुख्य गेट के सामने जेनरेटर के नीचे झोले में बम रखा था, जो निष्क्रिय किये जाने दौरान फट गया था. श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर-4 की सीढ़ियों के पास से दो और आइइडी बरामद किये गये थे. इसके बाद तलाशी के क्रम में पुलिस ने विद्युत परिपथ तार, घड़ी मशीन, बैटरी, एक्स पोलेटेड डेटोनेटर और उजले रंग के सफेद पाउडर को बरामद किया था. 20 जनवरी, 2018 को बोधगया थाने में में कांड संख्या 34/2018 दर्ज कर पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया.
जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़े हैं ये अभियुक्त
बाद में तीन फरवरी, 2018 को एनआइए ने इस मामले को अपने हाथ में लेकर जांच शुरू कर दी और नौ अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. एनआइए के मुताबिक, ये सभी आतंकवादी समूह जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े हैं.
इन्हें सुनायी जा चुकी है उम्रकैद की सजा
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1- अहमद अली उर्फ कालू
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2- पैगंबर शेख
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3- नूर आलम मोमिन
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इन्हें 10-10 साल की सजा
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1- आदिश शेख उर्फ अब्दुल्लाह
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2- दिलावर हुसैन
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3- अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख
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4- मुस्तफर रहमान उर्फ शाहीन उर्फ तुहीन
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5- आरिफ हुसैन
कब क्या हुआ…
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19 जनवरी, 2018 : बोधगया मंदिर परिसर में आतंकियों ने तीन आइइडी लगाये
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20 जनवरी, 2018 : बोधगया थाने में केस दर्ज
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03 फरवरी, 2018 : एनआइए को जांच का जिम्मा
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सितंबर, 2018 : एनआइए ने आरोपपत्र दायर किया
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जनवरी, 2019 : पूरक आरोपपत्र दायर
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10 दिसंबर, 2021 : आठ अभियुक्तों गुनाह कबूला, दोषी करार