मोतिहारी / सीतामढ़ी / कटिहार : नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों के अलावा उत्तर बिहार के जिलों में लगातार हो रही बारिश से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, तो कई खतरे के निशान को पार कर गयी हैं. पूर्वी चंपारण के कई इलाकों में 70 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी है. बागमती का पानी देवापुर-बेलवा घाट पथ पर बहने लगा है. इस कारण ढाका का शिवहर से संपर्क भंग हो गया है. वहीं, लालबकेया नदी गुआबारी घाट पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सिकरहना व बूढ़ी गंडक का जल-स्तर लालबकेया घाट पर 61.12 सीएम, गंडक का चटिया घाट पर 65.88 सीएम है.
वाल्मिकीनगर बराज से 3. 84 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने का कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. संग्रामपुर के टूटे भवानीपुर तटबंध पर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. सिकरहना नदी का पानी बंजरिया के कई गांव में फैल गया है. डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने सभी अधिकारियों को अलर्ट कर बाढ़ और प्राकृतिक आपदा पर नजर रखने का निर्देश दिया है. बगहा में एसएसबी कैंप में भी पानी घुस गया है. वहीं, सीतामढ़ी में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से दूसरी बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. गुरुवार को रातो नदी का पानी जिले के सुरसंड प्रखंड के श्रीखंडी भिट्ठा वार्ड नंबर-पांच में फैल गया. सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसलें डूब गयी है. लगातार बारिश से बागमती, अधवारा व लालबकेया नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
कटिहार में पिछले लगातार हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. बारिश से नदियों के जलस्तर में भी वृद्धि शुरू हो गयी है. महानंदा नदी के जलस्तर में गुरुवार को अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गयी है. गंगा, कोसी, कारी कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव रहा है. महानंदा नदी 24 घंटे के दौरान करीब 100 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है. जलस्तर में वृद्धि होने से कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैल चुका है. महानंदा तटबंध के भीतर बसे दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी फैल चुका है. कई लोगों के घर में पानी घुस चुका है. ऐसे लोग सड़क किनारे या ऊंचे स्थान पर शरण लिये हुए है. बारिश की वजह से महानंदा नदी के झौआ में पिछले 24 घंटों के दौरान जलस्तर में 85 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. जबकि, इसी नदी के कुर्सेल में 94 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है. महानंदा नदी के ही बहरखाल एवं धबौल में क्रमशः 84 एवं 73 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. यह नदी झौआ में 23 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि, आजमनगर में यह नदी 36 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. यह नदी कुर्सेल में 27 सेंटीमीटर एवं धबौल में 24 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बहरखाल में भी आठ सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. यह नदी दुर्गापुर में 15 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
वहीं, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर गुरुवार को शांत रहा है. जबकि, गंगा में उतार चढ़ाव रहा है. गंगा नदी के जलस्तर में रामायणपुर में मामूली वृद्धि दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार गंगा नदी के रामायणपुर में गुरुवार की सुबह 25.75 मीटर दर्ज किया गया. दोपहर में यहां का जलस्तर बढ़कर 25.76 मीटर हो गया है. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 29.03 मीटर दर्ज किया गया था. छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर 29.03 मीटर ही रहा है. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच-31 के डूमर पर गुरुवार की सुबह 30.61 मीटर दर्ज किया गया. छह घंटे बाद दोपहर में जलस्तर 30.61 मीटर ही रहा है. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर घट रहा है. गुरुवार की सुबह इस नदी का जलस्तर यहां 29.40 मीटर दर्ज की गयी. छह घंटे बाद दोपहर में यहां का जलस्तर 29.35 मीटर दर्ज किया गया. कारी कोसी नदी के चेन संख्या 389 में जलस्तर 27.12 मीटर दर्ज किया गया है. दोपहर 12 बजे यहां का जलस्तर 27.12 मीटर ही रहा है.