पटना : बिहार में लॉकडाउन को पूरी तरह से प्रभावी करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ- साथ झारखंड और यूपी को जोड़ने वाले सभी रास्तों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. पुलिस अब एक जिले से दूसरे जिले में भी नहीं जाने दे रही है. इमरजेंसी और फल, दवा, सब्जी के अलावा किसी भी प्रकार के वाहनों, लोगों की आवाजाही पर पूर्णतया रोक लगा दी गयी है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि बॉर्डर पर बहुत सारे लोग आ गये थे. बाॅर्डर पर उनको रखने में असुविधा थी, तो सरकार का आदेश होने पर उनको उनके जिलों में पहुंचा दिया गया है. वे वहां अपने गांव के स्कूल या अन्य जगह बने क्वारंटाइन में रहेंगे. सभी लोग जनता को समझाएं कि कहीं नहीं निकलना है.
पुलिस को आदेश दिये गये हैं कि उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल व झारखंड को जोड़ने वाले संपर्क मार्गों पर भी चौकसी रखी जाये. ऐसा न हो कि प्रमुख मार्गों पर पहरा देखकर लोग अन्य छोटे संपर्क मार्ग के जरिये एंट्री कर लें.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार से यूपी के गाजीपुर को जाने वाले प्रमुख मार्गों देवल कर्मनाशा पुल और बारा कर्मनाशा पुल पर अपनी- अपनी सीमा में दोनों राज्यों की पुलिस तैनात हैं. वहां बैरिकेडिंग करते हुए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है. गाजीपुर से सटे थाना क्षेत्र के प्रमुख मार्गों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है. भागलपुर जिले की सीमा से सटे झारखंड के गोड्डा बॉर्डर सीमाबंदी सख्ती से लागू है. नदी मार्गों पर भी नजर रखी जा रही है.
सैनिटाइजर बनाने के लिए इथनॉल आधारित अल्कोहल के उपयोग की मिली अनुमति
पटना : राज्य मे कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट को देखते हुए सैनिटाइजर की मांग बेहद तेजी से बढ़ी है. बाजार से सैनिटाइजर गायब हो गये हैं या ऊंची कीमत पर मिल रहे हैं. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. वैशाली जिले की एक कंपनी को इथनॉल आधारित अल्कोहल का उपयोग करके हैंड सैनिटाइजर बनाने की अनुमति दी गयी है. उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. इसमें संबंधित कंपनी को एक लाख बैरल लीटर के इथनॉल के आवंटन की अनुमति दी गयी है. इसकी पूरी खरीद या उपलब्धता 20 हजार बैरल लीटर के किस्त में की जायेगी.
इससे सिर्फ हैंड सैनिटाइजर का ही निर्माण किया जायेगा. गौरतलब है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी कानून के कारण किसी भी तरह के अल्कोहल या इससे संबंधित किसी तरह के उत्पाद के आयात या निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, परंतु अचानक सैनिटाइजर की डिमांड काफी बढ़ने के कारण तत्कालीन स्तर पर यह व्यवस्था की गयी है.
कंपनी को इसका निर्माण शुरू करने से पहले ड्रग कंट्रोलर से भी एनओसी लेना होगा. तमाम प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद कंपनी सैनिटाइजर का निर्माण शुरू करेगी. हैंड सैनिटाइजर निर्माण करने की अनुमति केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय ने भी अनुमति दे रखी है. इसके बाद राज्य में भी इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है ताकि स्थानीय बाजार में इसकी आसानी से उपलब्धता हो सके और आम लोगों को यह किफायती दाम पर उपलब्ध हो सके.