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पेपर लीक रोकने के लिए BPSC कर रहा नया प्रयोग, तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में किए कई बदलाव

पेपर लीक रोकने के लिाए अब बीपीएससी ने आगामी परीक्षा में नया प्रयोग किया है. तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में कुछ बदलाव दिखेगा.

BPSC TRE 3.0: तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक को रोकने के लिए बीपीएससी ने एक बिल्कुल नया प्रयोग किया है. इसके अंतर्गत इस परीक्षा के प्रश्नपत्र के एक सेट छपवाने की बजाय कई सेट अलग-अलग सेटरों से सेट करवाकर अलग अलग प्रिंटरों से प्रिंट करवाये गये हैं. इन्हें प्रिंटर से सीधा सभी जिलों (जहां परीक्षा के सेंटर हैं) के ट्रेजरी को भेज दिया जायेगा. सभी प्रश्नपत्राें के सेट पर अलग अलग कलर कोड होगा और परीक्षा के शुरू होने से तीन घंटे पहले आयाेग. सभी जिलों के डीएम को उनके जिलों में इस्तेमाल होने वाले प्रश्नपत्र के कलर कोड के बारे में बतायेगा. उसके बाद उस कलर कोड वाले प्रश्नपत्र को ट्रेजरी से निकलवाकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाया जायेगा.

प्रेस वार्ता आयोजित किया गया

मंगलवार को आयोग कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बीपीएससी के अध्यक्ष रवि मनुभाई परमार ने पेपर लीक को रोकने वाले बड़े बदलावों की जानकारी दी. इस अवसर पर आयोग के सचिव ग्यासुद्दीन अंसारी और परीक्षा नियंत्रक सत्य प्रकाश शर्मा भी मौजूद थे.

अलग-अलग जिलोंं के लिए अलग अलग हो सकता प्रश्नपत्र का कलर कोड

बीपीएससी अध्यक्ष ने बताया कि पूरे प्रदेश के लिए प्रश्नपत्राें का कलर कोड एक भी हो सकता है और एक से अधिक (दो-तीन से चार-पांच तक) भी. प्रदेश के अलग अलग जिलों के लिए अलग अलग कलर कोड भी इस्तेमाल किया जा सकता है और कुछ जिलों के समूह के लिए एक कलर कोड और जिलों के दूसरे व तीसरे समूह के लिए दूसरा और तीसरा कलर कोड भी इस्तेमाल किया जा सकता है. यहां तक कि एक ही जिलों के कुछ केंद्रों पर एक कलर कोड के प्रश्न पत्र और दूसरें केंद्रों पर दूसरे कलर कोड के प्रश्नपत्र के सेट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने इसे एलीमेंट ऑफ सरप्राइज का नाम देते हुए कहा कि यह पद्धति न केवल आयोग की आने वाली सभी परीक्षाओं में लागू की जायेगी बल्कि हर परीक्षा में आयोग कोई ऐसा नया प्रयोग करेगा जो चकित करने वाला होगा और इन सब का उद्देश्य प्रश्नपत्र को लीक होने से रोकना है.

हर जिले के लिए अलग होगी कंटेनर ट्रक

पहले बीपीएससी प्रिंटर के पास से ट्रेजरी तक भेजने के लिए दो जिलों के प्रश्नपत्राों पर एक कंटेनर ट्रक का इस्तेमाल करता था. लेकिन टीआरइ-तीन में हर जिले के लिए अलग अलग कंटेनर ट्रक की व्यवस्था होगी. इन सभी पर जीपीएस ट्रैकर लगा होगा और ड्राइवर के साथ आयोग का एक अधिकारी या कर्मचारी भी होगा. साथ ही इसमें प्रिंटर के तीन ताले और आयोग का एक ताला लगा होगा. सभी ताले डिजिटल होंगे. आयोग का ताला ऐसा होगा जिसे लॉक कर देने के बाद बिना काटे खोला नहीं जा सकेगा.

बक्सों को सील करने और प्रश्न-पत्रों को रैप करने की पद्धति में भी बदलाव

बक्सों को सील करने और उसके भीतर प्रश्नपत्र को सील और रैप करने की पद्धति में भी बड़े बदलाव किये गये हैं और बिना सील को फाड़े अब कोई प्रश्नपत्र को निकाल कर देख नहीं पायेगा. ट्रेजरी से प्रश्नपत्र को परीक्षा अधीक्षक के कमरे में नहीं ले जाकर बल्कि सीधे परीक्षा कक्ष में ले जाया जायेगा और वहां छात्रों की उपस्थिति में बक्से को खोलकर प्रश्नपत्राें के पैकेट को बाकी कमरों में भी ले जाया जायेगा.

पर्सेन्टाइल सिस्टम से बनेगी मेधा सूची

अलग अलग जिलों के लिए अलग अलग प्रश्नपत्र होने के कारण मूल्यांकन के बाद रिज्ल्ट बनाते समय पर्सेन्टाइल निकला कर मेधा सूची बनायी जायेगी.

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