अस्पताल ने छात्रों पर कराया केस दर्ज, छात्र बोले- तोड़-फोड़ का आरोप निराधार
BPSC Candidates: बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रहे दो अभ्यर्थी बीमार हो गए. इसके बाद साथियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. अभ्यर्थियों का कहना है कि तोड़फोड़ करने का जो आरोप लगाया जा रहा है वो बेबुनियाद है.
BPSC candidates : 70वें पीटी को रद्द करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे अभ्यर्थी अजीत कुमार ने बताया कि अस्पताल में घुस कर तोड़फोड़ करने की बात झूठी है. सोमवार को धरना देने के दौरान दो अभ्यर्थियों की तबीयत खराब हो गई थी. जिनको इलाज के लिए गर्दनीबाग अस्पताल में भर्ती करावाने के लिए ले जा रहे थे. लेकिन अस्पतालवालों ने मेन गेट का ताला बंद कर दिया था.
छात्रों ने गेट खोलने की विनती की
छात्रों ने बताया कि हमने अस्पताल प्रशासन से गेट खोलने की विनती की. तब जाकर गेट खोला गया. अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने मरीज को दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी. इसके बाद अभ्यर्थियों और डॉक्टरों के बीच हल्की कहासुनी हुई. इसके बाद दोनों बीमार छात्रों को एम्बुलेंस बुलाकर दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया. अजीत ने यह भी बताया कि हमने किसी प्रकार की तोड़फोड़ या सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया है.
अस्पताल ने कराया केस दर्ज
अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे अभ्यर्थियों पर गर्दनीबाग अस्पताल में तोड़फोड़ करने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. गर्दनीबाग थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि उपाधीक्षक सीमा सिंह ने करीब 50 बीपीएससी अभ्यर्थियों पर अस्पताल में तोड़-फोड़ करने, छीनने का प्रयास, सरकारी काम में बाधा डालने का प्रयास और बड़ी संख्या में अस्पताल में घुसकर अशांति फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है. मालूम हो कि हाल ही में हुए 70वीं पीटी परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा सेंटर पर पेपर देर से मिलने पर छात्रों ने पेपर लीक की आशंका जताई थी, जिसको लेकर करीब एक सप्ताह से गर्दनीबाग धरनास्थल पर छात्र धरना दे रहे हैं.
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