बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) ने अभ्यर्थियों की पहचान के लिए अए नये तरीके को आजमाने का फैसला लिया है. अभ्यर्थियों की पहचान अब पुतली को स्कैन करके किया जाएगा. इस माह में आयोजित होने वाली परीक्षाओं में ही इसे लागू कर दिया जा सकता है.
बीपीएससी अपने अभ्यर्थियों की पहचान अब आंखों की पुतली से करेगा. आयोग ने परीक्षा में पारदर्शिता के लिए इसकी शुरुआत करने का फैसला लिया है. सूबे में इस माह बीपीएससी की आयोजित परीक्षा में इसे शुरू कर दिया जाएगा. आयोग की परीक्षाओं में इलेक्ट्रानिक गजट से कदाचार की संभावना को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की पुतली को स्कैन करके डाटा सुरक्षित रख लिया जाएगा. इंटरव्यू के दौरान भी अभ्यर्थियों की पुतली को स्कैन कर उनके डाटा से मिलान कराया जाएगा. ताकि किसी भी तरह के कदाचार की कोई संभावना नहीं रहे. अगर मिलान के दौरान कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो उस अभ्यर्थी पर केस दर्ज कराया जाएगा.
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बीपीएससी अब परीक्षाओं में धांधली को लेकर और अधिक गंभीर है. अब परीक्षा दे रहे अभ्यर्थी को कइ चरणों की जांच से गुजरना होगा. इसके लिए कई स्तर पर तकनीक का सहारा लिया जा रहा है.
बता दें कि आगामी 21 सितंबर को साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की सहायक प्राध्यापक की परीक्षा, 24 और 25 सितंबर तथा 27 और 28 सितंबर को सहायक अभियंता की परीक्षा होने वाली है. इन परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के पुतली का सैंपल लिया जा सकता है. वहीं यूपीएससी की परीक्षाओं के तर्ज पर बीपीएससी के परीक्षा केंद्रों पर भी अब जैमर लगे होंगे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan