BPSC पेपर लीक: औरंगाबाद के शिक्षक ने की थी 24 परीक्षार्थियों की सेटिंग, रिमांड पर अब आरोपित खोलेगा राज
बीपीएससी पेपर लीक मामले में अब सेटिंग गिरोह से जुड़े आरोपित और अधिक राज खोलेंगे. दो आरोपितों को ईओयू ने रिमांड पर लिया है. वहीं यह बात सामने आयी है कि लाखों रुपये लेकर परीक्षार्थियों को पेपर मुहैया कराया जाता था.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के पेपर लीक मामले में जेल में बंद कृषि विभाग के सहायक राजेश कुमार और औरंगाबाद के शिक्षक सुधीर कुमार सिंह को इओयू ने तीन दिनों के रिमांड पर लिया है. इओयू ने विशेष न्यायिक दंडाधिकारी संगम कुमार की अदालत में इन दोनों को पांच दिनों के रिमांड पर लेने की अर्जी दी थी. लेकिन, अदालत ने तीन दिनों के रिमांड पर लेने की अनुमति दी.
कई परीक्षार्थियों से आठ से 10 लाख रुपये लिये
इओयू ने परीक्षार्थियों से डील करने के साक्ष्य मिलने के बाद शिक्षक सुधीर कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था. इसने कई परीक्षार्थियों से आठ से 10 लाख रुपये लिये थे. इओयू इस मामले में सुधीर से इस बात की पूछताछ करेगी कि उसने किन-किन लोगों से रकम ली थी. इसके साथ ही इओयू उसके खाते को भी खंगाल रही है, ताकि इस बात की जानकारी मिल सके कि उसने किन लोगों से रकम ली थी और किन-किन लोगों को दी थी.
अपने बच्चों को पास करवाने कई अधिकारी भी जुड़े
सूत्रों का कहना है कि सुधीर सिंह से कई अधिकारी भी जुड़े हुए थे, जिन्होंने अपने बेटे-बेटी और रिश्तेदार को बीपीएससी की 67वीं पीटी में सफल कराने के लिए संपर्क किया था. यह औरंगाबाद के अंबा थाने के झखरी गांव का रहने वाला है. सेटिंग करने वाले गैंग से यह सीधे जुड़ा हुआ था और परीक्षार्थियों से रकम लेने के बाद उन्हें पेपर उपलब्ध कराया था. पकड़े जाने के बाद इससे केवल यह जानकारी मिली थी कि इसने 24 परीक्षार्थियों की सेटिंग की थी. इसके साथ ही इओयू उससे यह जानना चाहती है कि उसके मोबाइल फोन पर जब 67वीं पीटी के सेट सी का प्रश्नपत्र आया, तो उसने किन-किन लोगों को उसका प्रिंट निकाल कर दिया.
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इओयू को मिल चुका लिंक
हालांकि, जांच में पहले यह बात सामने आ चुकी है कि उसने सीवान निवासी व परीक्षार्थी निशिकांत राय के मोबाइल पर प्रश्नपत्र को भेजा था. इसके बाद निशिकांत ने वैशाली के शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह व अन्य लोगों के मोबाइल फोन पर प्रश्नपत्र को भेजा था. मोबाइल फोन से किन-किन लोगों को प्रश्नपत्र भेजा गया, यह लिंक इओयू को मिल चुका है. लेकिन उसका प्रिंट निकाल कर किन-किन लोगों को दिया गया, इस संबंध में भी इओयू को उससे पूछताछ करना है.
सहायक के पास कई अहम जानकारियां
दूसरा आरोपित राजेश कुमार भागलपुर के सजौर थाने के जगरनाथपुर का रहने वाला है. लेकिन, पटना में यह पूर्वी पटेल नगर रोड नंबर छह में किराये पर फ्लैट लेकर रह रहा था. राजेश कृषि विभाग में सहायक भी है. राजेश ने ही इओयू को लोहानीपुर में आनंद गौरव उर्फ पिंटू यादव के फ्लैट में बने कंट्रोल रूम की जानकारी दी थी.
राजेश के भी सेटर गिरोह से अच्छे संबंध
राजेश के भी सेटर गिरोह से अच्छे संबंध थे. इओयू इससे भी सेटिंग से संबंधित बिंदु पर विस्तार से जानकारी लेगी, क्योंकि यह बीपीएससी पेपर लीक से जुड़ी कई अहम जानकारी जानता है और इओयू को शक है कि इस गिरोह से कई अन्य लोग भी जुड़े हुए हैं.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan