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बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा : प्रिंटिंग प्रेस से लीक कराया गया प्रश्न पत्र, माफिया ने खोला राज

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से ली गयी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक होने का कामला अब सुलझता दिख रहा है. पेपर लीक करनेवाले गिरोह के सदस्य ने ईओयू के सामने पूरा राज खोल दिया है. ऐसे में अब लगभग तय हो चुका है कि यह परीखा देर सबेर रद्द होगी.

पटना. बीपीएससी द्वारा ली गयी शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरइ-3) का प्रश्नपत्र अंतरराज्जीय संगठित पेपर लीक गिरोह के सदस्य भगवानपुर वैशाली के विशाल कुमार चौरसिया ने कोलकाता ग्रुप और अपने सहयोगियों की मदद से प्रिंटिंग प्रेस से लीक कराया था. इस कार्य में कोलकाता में प्रिंटिंग प्रेस के संचालक कौशिक कर व दूसरे प्रिंटिंग प्रेसों में काम करने वाले अजीत चौहान, बीरेंद्र सिंह और पार्थो सेन गुप्ता आदि ने उसकी मदद की थी. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) को 15 मार्च को होने वाली परीक्षा से पहले ही इसकी भनक लग गयी थी, जिसके बाद 14 मार्च को विशाल कुमार के साथ ही मास्टरमाइंड रहे बिदुपुर के सुमंत कुमार और निकेत कुमार एवं महनार के गौतम कुमार को पटना के करबिगहिया पार्किंग इलाके से दबोच लिया गया था. उनके पास से बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों के कई सेट बरामद हुए, जो परीक्षा में अभ्यर्थियों को मिले प्रश्न पत्रों से हूबहू मेल खाते थे. इओयू द्वारा दर्ज की गयी 48 पन्ने की प्राथमिकी में विस्तार से प्रश्नपत्र लीक की पूरी साजिश की कहानी बतायी गयी है.

दिल्ली और ओडिशा में प्रश्न पत्र लीक कराने का आरोपित है विशाल

प्राथमिकी के अनुसार, विशाल कुमार उर्फ विशाल कुमार चौरसिया वैशाली जिले में सिंचाई विभाग में एकाउंटेंट के पद पर एजी ऑफिस में प्रतिनियुक्त था. वर्तमान में विभाग ने उसे निलंबित कर दिया है. वह पूर्व में दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर की भर्ती परीक्षा और ओडिशा के बालासोर में जूनियर इंजीनियर की भर्ती के लिए ली जाने वाली परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कराने का भी आरोपित रहा है. इन दोनों मामलों में वह जेल भी जा चुका है.

विशाल ने सिपाही भर्ती का परीक्षा भी कराया था लीक

विशाल ने पूछताछ में बताया है कि फुलवारी शरीफ में उसका आनलाइन परीक्षा सेंटर भी है, जिसके प्रबंधन का काम सुचिंद्र पासवान देखता है. बालासोर जेल में रहने के दौरान उसने सुचिन्द्र की सहायता से बिहार पुलिस में सिपाही भर्ती की परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक किया था. इसी दौरान उसकी पहचान यूपी के जौनपुर के रहने वाले अजीत चौहान से हुई. अजीत चौहान भी भर्ती परीक्षाओं में सेटिंग का कार्य करता था. उसका कोलकाता के कई प्रेसों में संपर्क था, जहां से वह प्रेस कर्मियों की सहायता से पेपर लीक करता था. अजीत चौहान कौशिक कर के संपर्क में था, जिसका पश्चिम बंगाल में अपना प्रेस है. जेल से छूटने के बाद विशाल ने कोलकाता के ग्रुप के अजय पासवान, बिहारशरीफ के विनोद कुमार कुशवाहा, पवन कुमार राजपूत और सुचिन्द्र पासवान की मदद से प्रेस से शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक कराया था.

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पेन ड्राइव में टिक किये हुए प्रश्न-उत्तर दिये गये

झारखंड के कोहिनूर बैंक्वेट हाल से लाये गये अभिषेक कुमार ने इओयू को बताया कि उसका एजी कालोनी में साइबर कैफे है. वहीं उसकी मुलाकात बिहारशरीफ के नगरनौसा के प्रदीप से हुई. उसने बताया कि वह परीक्षा में सेटिंग का काम करता है और साथ काम करने का आफर दिया. शिक्षक भर्ती परीक्षा के समय प्रदीप ने विकास के माध्यम से अभिषेक को पेनड्राइव भेजा था. पेन ड्राइव में टिक किया हुआ प्रश्न-उत्तर था. हजारीबाग के कोहिनूर बैंक्वेट हाल में प्रिंटर से प्रश्नपत्र की 170-180 कापी निकाली गयी. वहां पर पहले से करीब 400-500 शिक्षक अभ्यर्थी थे, जिन्हें प्रश्न-उत्तर रटवाया जा रहा था.

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