BPSC TRE 2.0: बिहार शिक्षक नियुक्ति में इस बार शहर या गांव, पोस्टिंग में किसे मिलेगी प्राथमिकता?
बीपीएससी शिक्षा नियुक्ति के दौसरे चरण में गांव के स्कूलों में शिक्षकों की मांग पूरी होने के बाद ही शहरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. शिक्षा विभाग ने सभी विद्यालय अध्यापकों को ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में योगदान देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की शिक्षक नियुक्ति के दूसरे चरण की काउंसलिंग जारी है. इसके लिए पटना में तीन केंद्र बनाये गये हैं. शहर के गर्दनीबाग स्थित राजकीय शहीद राजेंद्र प्रसाद उच्च माध्यमिक विद्यालय और राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार से शिक्षकों की काउंसलिंग चल रही है. वहीं, यारपुर स्थित कमला नेहरू उच्च माध्यमिक विद्यालय में गुरुवार से काउंसिलिंग शुरू हो गयी है. जिन नए शिक्षकों की काउंसिलिंग की गई है, उन्हें दो सप्ताह की ट्रेनिंग पर भेज दिया गया है.
ग्रामीण स्कूलों में मांग पूरी होने के बाद शहरी स्कूलों में पोस्टिंग
जानकारी के मुताबिक, गांव के स्कूलों में शिक्षकों की मांग पूरी होने के बाद ही शहरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है. इस रणनीति पर अमल करते हुए लगभग सभी विद्यालय अध्यापकों को ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में योगदान देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है.
रैंडमाइजेशन के जरिए होगी पोस्टिंग
पोस्टिंग के लिए यह पूरी कवायद सॉफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन के जरिए शुरू की जा रही है. खास बात यह है कि रिजल्ट जारी होने से ठीक पहले विभाग ने जिलों से विद्यालय वार नियुक्तियों का ब्योरा निकाल लिया है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, बीपीएससी के दूसरे चरण में नियुक्त होने वाले 70 फीसदी शिक्षकों की नियुक्ति सुदूरवर्ती इलाकों में की जायेगी. खासकर उत्क्रमित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रिक्तियां सबसे अधिक हैं. इसलिए कक्षा 9 से 12 तक के लगभग सभी शिक्षकों का योगदान ग्रामीण क्षेत्रों में ही किया जा सकता है.
वरीयता क्रम में न आने पर च्वाइस के अलावा अन्य जिलों में दी जा रही पोस्टिंग
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक अलग-अलग आरक्षण श्रेणियां होने और वरीयता क्रम में नहीं होने के कारण शिक्षकों को पसंद के तीन जिलों से बाहर भी योगदान देने को कहा जा रहा है. विभाग ने स्पष्ट किया है कि योगदान के तीनों विकल्पों में अलग-अलग प्राथमिकता क्रम सॉफ्टवेयर में अपलोड कर दिया गया है.
यदि नवचयनित शिक्षक उस वरीयता क्रम में नहीं आ पाता है तो सॉफ्टवेयर अपने आप ही उसे किसी अन्य जिले में तैनाती दे सकता है. दरअसल, शिक्षा विभाग के सचिवालय में बड़ी संख्या में ऐसे शिक्षक आ रहे हैं, जिन्हें पसंद के खिलाफ पोस्टिंग दी जा रही है. ये शिक्षक चाहते हैं कि उनकी पोस्टिंग उनकी पसंद के जिलों में ही हो.
क्या बोले जिला शिक्षा पदाधिकारी
पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अमित कुमार ने बताया कि काउंसलिंग के बाद सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया है. वहां से दो सप्ताह के प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर दिया जाएगा. स्कूलों का आवंटन सॉफ्टवेयर के जरिए किया जाएगा.
पहले चरण में बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण स्कूलों में पदस्थापित किया गया था. वहीं, इस बार अगर शिक्षा विभाग से आदेश मिला तो दूसरे चरण में नियुक्त शिक्षकों को शहर के स्कूलों में पदस्थापित किया जायेगा. लेकिन पोस्टिंग से पहले यह देखा जाएगा कि उक्त विद्यालय में उस विषय के शिक्षक हैं या नहीं. इसके बाद ही इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.
गुरुवार को इन विषयों के शिक्षक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग
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कमला नेहरू उच्च माध्यमिक विद्यालय, यारपुर : 11वीं-12वीं कक्षा – भौतिकी, रसायन विज्ञान, वनस्पति शास्त्र, जंतु विज्ञान, गृह विज्ञान
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राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, गर्दनीबाग : नौवीं-10वीं कक्षा – संगीत , संस्कृत
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राजकीय शहीद राजेंद्र प्रसाद उच्च माध्यमिक विद्यालय, गर्दनीबाग : कक्षा छह व आठ – अंग्रेजी, उर्दू
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