20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार: पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की ऐसे हुई थी हत्या, सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को माना दोषी

Brij Bihari Prasad Murder पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद अपने सुरक्षा गार्ड के साथ टहल कर काटेज लौट रहे थे. इसी दौरान एक एंबेसेडर और एक सूमो गाड़ी से आये अपराधियों ने स्वलित राइफलों से उनके उपर गोलियों की बौछार कर दी थी

बिहार के चर्चित पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में करीब 26 साल बाद फैसला आया. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री बृज बिहारी हत्याकांड में पूर्व विधायक और वर्तमान में राजद नेता मुन्ना शुक्ला उर्फ विजय कुमार शुक्ला को दोषी करार दिया. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने सभी आरोपियों को बरी करने के पटना उच्च न्यायालय के फैसले को आंशिक रूप से निरस्त कर दिया और दोषी मंटू तिवारी और पूर्व विधायक शुक्ला को 15 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है.

13 जून, 1998 को पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान परिसर में तत्कालीन मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हुई हत्या मामले में पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत समेत पांच लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. बृज बिहारी प्रसाद इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में जुडिशियल कस्टडी में थे. शाम के वक्त टहलते समय अपराधियों ने उनकी स्टेनगन से गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस कांड में उनके सुरक्षा गार्ड लक्ष्मीश्वर साहु की भी मौत हो गयी थी.

ये भी पढ़ें… Video: बिहार के थावे मंदिर में नवरात्र के पहले दिन बेकाबू हुई भीड़, पुलिस से भी हुई नोकझोंक

पटना के शास्त्रीनगर पुलिसथाने में दर्ज प्राथमिकी में मुन्ना शुक्ला, मंटू तिवारी, सुरजभान सिंह, राजन तिवारी, श्रीप्रकाश शुक्ला, सतीशपांडेय, कैप्टन सुनील , सुनील कुमार राय एवं भूपेंद्र नाथ दूबे को नामजद किया गयाथा. हाइ प्रोफाइल इस मामले की जांच तत्कालीन सरकार ने सीबीआइ से कराने की सिफारिश की थी. सीबीआइ की ट्रायल कोर्ट ने 2009 में अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपितों को दोषी करार दिया था.

ये भी पढ़ें.. Jan Suraaj Party: पीके हर मुद्दे पर भीड़ की ले रहे थे हामी, जानें इस सवाल पर पूरे मैदान में क्यों छा गया सन्नाटा

बाद में आरोपितों ने हाइकोर्ट में अपील की.पटना हाइकोर्ट ने 24 जुलाई, 2014 को कहा था कि अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों पर गौर करने के बाद सूरजभान सिंह उर्फ सूरज सिंह, मुकेश सिंह, लल्लन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी संदेह का लाभ पाने के हकदार हैं. पटनाहाइकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 12 अगस्त, 2009 के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था और सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

रमा देवी और सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में की थी अपील

हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ पूर्व सांसद एवं बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी और सीबीआइ ने अलग-अलग 2015 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. करीब नौ साल बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और पटना हाइकोर्ट के फैसले को बदलते हुए मुन्ना शुक्ला तथा मंटू तिवारी को आजीवन दोषी करार दिया है.

सीबीआइ की ओर से सोनिया माथुर ने पक्ष रखा. जबकि रमा देवी की ओर से सिद्यार्थ अग्रवाल ने तथ्य रखे.सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने कहा कि मंटू तिवारी और विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप साबित हुए हैं.पीठ ने उन्हें 15 दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा.

ऐसे हुई थी हत्या

तत्कालीन राबड़ी सरकार में मंत्री बृज बिहार प्रसाद की मुजफ्फरपुर की राजनीति में छोटन शुक्ला एवं उनके समर्थकों के बीच अदावत चल रही थी. छोटन शुक्ला की हत्या के बाद बृज बिहारी प्रसाद को अपनी जान का खतरा था. मेघा घोटाले में आरोपी बन गये बृज बिहारी प्रसाद आइजीआइएमएस में इलाज के लिए भर्ती हुए थे. शाम छह बजे वे अपने काटेज से नियमित रूप से टहलने निकलते थे.

हत्या के दिन भी वे अपने सुरक्षा गार्ड के साथ टहल कर काटेज लौट रहे थे. इसी दौरान एक एंबेसेडर और एक सूमो गाड़ी से आये अपराधियों ने स्वलित राइफलों से उनके उपर गोलियों की बौछार कर दी. बृज बिहारी प्रसाद और उनके सुरक्षा गार्ड घटनास्थल पर ही मारे गये.सुरक्षा गार्ड लक्ष्मेश्वर साहु ने अंतिम समय तक बृज बिहारी प्रसाद को बचाने की कोशिश की,उसकी सरकारी रायफल से अंत तक गोलियां निकलती रही. हत्या को अंजाम देने के बाद अपराधी उसकी सरकारी रायफल भी लेते गये.

टाइम लाइन

13 जून,1998 :: शाम सवा आठ बजे आइजीअाइएमएस परिसर में पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या14 जून,1998 :: शास्त्रीनगर थाने में एफआइआर दर्ज

12 अगस्त,2009 : ट्रायल कोर्ट ने सभी आरोपितों को दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा दी24 जुलाई, 2014 : पटना हाइकोर्ट ने सभी आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया

2015 : सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर03 अक्तूबर,2024 : पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी दोषी करार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें