सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड जहां अभी मई में 12वीं की परीक्षा लेने की ही तैयारी में जुटा है वहीं बिहार बोर्ड ने 26 मार्च यानी शुक्रवार को इंटर का रिजल्ट जारी कर दिया. कोरोनाकाल के इस दौर में भी बिहार ने इस कदम से केवल लगातार तीसरे साल सबसे पहले रिजल्ट प्रकाशित करने का रिकॉर्ड ही नहीं बनाया बल्कि उस दौर से अपने छात्रों को बाहर निकाल लिया है जब रिजल्ट देर से आने का खामियाजा उन्हें आगे की पढ़ाई में भुगतना पड़ता था.
बिहार बोर्ड ने मार्च महीने में ही इंटर का रिजल्ट प्रकाशित कर दिया. बोर्ड के द्वारा कॉपी मूल्यांकन और रिजल्ट में की गई तेजी की चर्चा आज देशभर में है. यह केवल एक उपलब्धि ही नहीं बल्कि छात्रों के भविष्य के लिए एक बड़ी राहत भी है.
मार्च में ही रिजल्ट जारी हो जाने का लाभ जेइइ मेन में सफल छात्रों को मिलेगा. उन्हें एडवांस की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा. बिहार बोर्ड के छात्र जेइइ एडवांस और नीट की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकेंगे. जबकि दूसरे बोर्ड के छात्र जो इन दो परीक्षाओं में शामिल होंगे, उन्हें अपने बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी उसके साथ ही करनी होगी.
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रिजल्ट प्रकाशित करने के लिए बिहार बोर्ड ने आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया है. जिसके कारण मार्च में ही रिजल्ट प्रकाशित हो गया. वहीं छात्रों को अब प्रश्नों का 100 फीसद विकल्प भी दिया जाने लगा है जो विद्यार्थियों के लिए वरदान बना है. छात्रों को प्रश्नों के चयन और उत्तर से अच्छे अंक हासिल करने में मदद मिली है.
बता दें कि आज CBSE और ICSE बोर्ड के छात्र भी बिहार बोर्ड में अपना नामांकन करा रहे हैं. वहीं एक ऐसा दौर भी बिहार बोर्ड के कारण देखा जाता रहा जब यहां रिजल्ट प्रकाशन के इंतजार में ही छात्रों का भविष्य गर्त में चला जाता था. जब स्टूडेंट के पास अच्छे अंक होने के बाद भी किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिल पाता था. रिजल्ट के इंतजार में ही उनके अवसर विलुप्त हो जाते थे, और दाखिले का समय निकल जाता था.
अगर बिहार बोर्ड से लोगों का मोह बीच के दौर में भंग हुआ तो उसकी बड़ी वजहों में एक रिजल्ट का देर से प्रकाशित होना भी शामिल है. अब रिजल्ट जल्द जारी होने के बाद बिहार बोर्ड के छात्रों के पास अच्छे विश्वविद्यालय व कॉलेज के चयन के लिए पर्याप्त मौके होंगे.
Posted By: Thakur Shaktilochan