बिहार बोर्ड के मेधावियों के लिए प्रमुख कॉलेजों में पहुंचने की राह आसान नहीं होगी. सीबीएसइ 12वीं के बेहतर परिणाम का असर स्नातक में एडमिशन के लिए तैयार होने वाली मेरिट लिस्ट पर भी पड़ेगी. प्राचार्यों का कहना है कि कटऑफ आठ से 10 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है, जिसका असर बिहार बोर्ड से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों पर पड़ेगा.
उनका कहना है कि विवि प्रशासन को मेरिट के लिए दोनों बोर्ड का अलग मानक तय करना चाहिये, जिससे बिहार बोर्ड (Bihar Board) के मेधावियों के साथ अन्याय न हो. इस साल फरवरी में ही बिहार बोर्ड ने परीक्षा ली और मार्च में रिजल्ट जारी कर दिया. जिले के 78.4 फीसदी छात्र उत्तीर्ण हुए.
वहीं, लॉकडाउन के चलते परीक्षा पर रोक लगी तो सीबीएसइ (CBSE) ने एसेसमेंट के जरिये रिजल्ट तैयार किया, जिसमें जिले के 99 फीसदी छात्र सफल हुए है. यही नहीं, 80 फीसदी से अधिक मार्क्स लाने वालों की संख्या भी ज्यादा है. वहीं दूसरी तरफ बिहार बोर्ड के अधिकतर छात्र 60 से 70 फीसदी के बीच ही रहते हैं. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंगीभूत व संबद्ध कॉलेजों में दाखिले के लिए अप्रैल में ही छात्रों ने यूएमआइएस पोर्टल पर आवेदन किया था. दुबारा पोर्टल 10 अगस्त तक के लिए खोला गया है. आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मेरिट लिस्ट तैयार की जायेगी.
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में 1.55 लाख सीट विज्ञान, कला व वाणिज्य संकाय में है. इसके लिए अभी तक करीब सवा लाख छात्र-छात्राओं ने ही आवेदन किया है. हालांकि मुजफ्फरपुर सहित वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, समस्तीपुर व सीतामढ़ी के प्रमुख कॉलेज ही मेधावी छात्रों की पहली पसंद बनते हैं. यदि कटऑफ ज्यादा होने से पहला विकल्प नहीं मिला, तो दूसरा विकल्प मिलने की पूरी संभावना है.
एलएस कॉलेज: अधिकतम 85% व न्यूनतम 62%
आरडीएस कॉलेज: अधिकतम 91% व न्यूनतम 46%
एमडीडीम कॉलेज: अधिकतम 70% व न्यूनतम 60%
आरबीबीएम कॉलेज: अधिकतम 70% व न्यूनतम 60%
कला संजीदा खातून- 86%
विज्ञान विद्या शालिनी- 89.6%
कॉमर्स लोकेश कुमार शाही-92.6%
वर्ष 2021 में सीबीएसइ के बेस्ट परफॉर्मर
कला तान्या-95%
विज्ञान नीतीश कुमार-97.6%
कॉमर्स तिलक झा-99%
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इनपुट : धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर