Budget 2024: बिहार में कोसी का होगा मेची से मिलन, दो दशक पुराना सपना अब मोदी करेंगे पूरा
Budget 2024: पटना में कुछ महीने पहले हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री संजय झा नेकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने कोसी में हाई डैम बनाने और कोसी-मेची का मामला उठाया था.
budget 2024: पटना. केंद्र सरकार ने आखिरकार कोसी-मेची लिंक परियोजना के लिए बजटीय प्रावधान कर दिया है. केंद्र सरकार की ओर से राशि मिलने के बाद अब इस परियोजना के जमीन पर उतरने की उम्मीद पूरी होती दिख रही है. मिथिला के इलाके में बाढ़ की समस्या के हल को लेकर इस परियोजना को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मंगलवार को पेश हुए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उत्तर बिहार को बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए कोसी-मेची लिंक परियोजना को हरी झंडी देने का ऐलान किया. इसके तहत कोसी नदी के पानी को मेची नदी तक ले जाया जाएगा. इससे मिथिला क्षेत्र में बाढ़ की समस्या से निजात मिलने की उम्मीद की जा रही है.
संजय झा कर रहे थे लगातार प्रयास
कोसी-मेची नदी जोड़ योजना के लिए बिहार बीते दो दशक से प्रयास किया जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही नदी को जोड़ने को लेकर नीतिगत निर्णय हुआ था. पटना में कुछ महीने पहले हुई पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री संजय झा नेकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने कोसी में हाई डैम बनाने और कोसी-मेची का मामला उठाया था. संजय झा ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मुलाकात कर इस बारे में चर्चा की थी. इसके बाद दोनों विदेश मंत्री एस जयशंकर के पास गए और उसी दिन शाम में हुई एक बैठक में उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया गया. कमेटी के सदस्यों ने बिहार आकर बाढ़ की स्थिति का अवलोकन किया और इसके समाधान पर चर्चा की.
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क्या है कोसी-मेची लिंक परियोजना
कोसी नदी हर वर्ष मिथिला में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न करती है. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में बाढ़ पर नियंत्रण पाने के लिए नदी जोड़ परियोजना तैयार करने पर नीतिगत फैसला हुआ. बिहार में कोसी नदी और मेची नदी को जोड़ने का फैसला हुआ. मेची नदी महानंदा की सहायक नदी है. ऐसे में कोसी नदी के अतिरिक्त पानी को महानंदा बेसिन तक ले जाया जा सकेगा और कोसी में पानी का दबाव भी कम होगा. कोसी मेची लिंक परियोजना के तहत 76 किलोमीटर लंबा चैनल बनना है. कोसी-मेची लिंक बनने से सुपौल, सहरसा, मधुबनी, खगड़िया और कटिहार जिले को बाढ़ से राहत मिलेगी. इसके साथ ही 2.14 लाख हेक्टेयर के क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी.