Budget 2025 Expectations एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 2025-2026 के लिए केंद्रीय आम बजट लोकसभा में पेश करेंगी. इससे पूर्व आम लोगों से लेकर उद्यमियों और कारोबारियों तक बजट को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं.
हर क्षेत्र के लोग अपने-अपने नजरिये से बजट से उम्मीद कर रहे हैं. बजट को लेकर उद्यमियों और कारोबारियों का विचार जानने के लिए प्रभात खबर ने बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सहयोग से चैंबर परिसर में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें वक्ताओं ने केंद्रीय आम बजट को लेकर अपने-अपने विचार रखें.
ऐसी आशा है कि केंद्र सरकार वर्ष 2025-26 के आम बजट में बिहार के आर्थिक व औद्योगिक पिछड़ेपन को देखते हुए राज्य को विशेष पैकेज या समतुल्य पैकेज की घोषणा करेगी. एमएसएमइ के निवेशकों को बैंकों से वित्तीय साधन मिलने को और आसान बनाने का प्रावधान किया जायेगा. बजट में राज्य की आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने व राज्य की लंबित रेल परियोजनाओं को जल्द पूरा कराने के लिए विशेष प्रावधान किया जायेगा. – सुभाष पटवारी, अध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
राज्य में बेहतर उच्च शिक्षण संस्थान और कोचिंग की कमी रहने के कारण बिहार से बड़ी संख्या में बच्चों को बिहार से बाहर जाना पड़ता है. ऐसी आशा है कि केंद्र सरकार वर्ष 2025-26 के बजट में इसके लिए विशेष प्रावधान करना चाहेगी. साथ ही शिक्षा और कौशल विकास के प्रशिक्षण पर लगने वाले जीएसटी को शून्य किया जायेगा. उम्मीद यह भी है कि बजट में हाई इनकम टैक्स ब्रैकेट को कम किया जा सकता है. – आशीष शंकर, उपाध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
ऐसी आशा है कि वर्ष 2025-26 के बजट में नकद लेन-देन पर रोक लगाने और डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इसे निःशुल्क किया जायेगा. कई ऐसे व्यवसाय हैं, जिनमें नकदी लेन-देन ही होता है, इसलिए आशा है कि वैसे व्यवसायियों को राहत देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किया जायेगा. पूर्णरूपेण डिजिटल प्रणाली को व्यापार में अपनाने वाले व्यवसायियों को कर में छूट देने का प्रावधान किया जायेगा.- प्रदीप चौरसिया, उपाध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
वर्ष 2025-26 के बजट में पटना एम्स में सुविधाएं बढ़ायी जायेंगी. न्यूनतम निर्धारित सुविधाओं के साथ पंचायत स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जायेगी अथवा उसका अपग्रेडेशन किया जायेगा. जिला स्तर पर एम्स जैसी छोटी इकाइयों की स्थापना करायी जायेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए करों में रियायत दी जायेगी.
पशुपति नाथ पांडेय, महामंत्री, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
बिहार में किसी भी एक कमर्शियल बैंक का प्रधान कार्यालय स्थापित कराया जाना चाहिए, ताकि राज्य के आर्थिक विकास को गति प्रदान किया जा सके. इसके अलावा बिहार-झारखंड के उद्योग व व्यवसाय के हित में पटना में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) और इनकम टैक्स सेटलमेंट कमीशन की एक-एक बेंच की स्थापना करायी जानी चाहिए. साथ ही राज्य में लगने वाले उद्योगों को कम-से-कम पांच साल के लिए टैक्स हॉलिडे की सुविधा दी जानी चाहिए . – पीके अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में टाउनशिप का निर्माण हो. अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बिहार सहित सात राज्यों को कवर करेगा. इसलिए बिहार में इस कॉरिडोर के मार्ग में दो हजार एकड़ इंडस्ट्रियल टाउनशिप के निर्माण के लिए बजट में वित्तीय सहायता की मंजूरी दी जानी चाहिए. साथ ही करदाताओं के बोझ और लागत को कम करने के लिए सभी प्रकार के करों के समाशोधन के लिए सिंगल विंडो को विकसित किया जाना चाहिए.- डॉ रमेश गांधी, सदस्य, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
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काफी दशकों से रेलवे की ओर से वरीय नागरिकों को रेल टिकट में रियायत दी जाती थी, जिसे कोरोना काल में वापस ले लिया गया था. अब स्थिति सामान्य हो गयी है. अतः इस रियायत को पुनर्बहाल किया जाना चाहिए. यह देश के वरीय नागरिकों को रेलवे की ओर से बहुत बड़ा सम्मान होगा. रेलवे की ओर से रेल टिकट में वरीय नागरिकों को दी जाने वाली रियायत को पुनर्बहाल किया जाने की उम्मीद है. – शंभु प्रसाद, सदस्य, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
बुनियादी सुविधाओं की कमी व जीएसटी के जानकार सलाहकारों की कमी के कारण राज्य के ग्रामीण और छोटे शहरों के व्यवसायियों को जीएसटी के अनुपालन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. अतः प्रत्येक पंचायत में कम-से-कम एक, ब्लॉक स्तर पर दो और जिला स्तर पर पांच जीएसटी मित्र की व्यवस्था करायी जानी चाहिए. यह व्यवस्था पीपीपी मोड पर भी किया जा सकता है. – अजय गुप्ता, सदस्य, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
राज्य में पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए ऐसी आशा है कि केंद्र सरकार वर्ष 2025-26 के बजट में राज्य में बनने वाले पांच सितारा होटलों के लिए कम-से-कम पांच साल के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करावकाश की सुविधा प्रदान करने का प्रावधान करेगी. साथ ही आयकर की छूट कि वर्तमान सीमा को बढ़ाया जायेगा. इस बार बजट में टेक्नोलॉजी सेक्टर को भी बूस्ट मिल सकता है. – पवन अग्रवाल, सदस्य, बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज
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