– राज्य में फसल अवशेष जलाने की घटना को लेकर विकास आयुक्त ने दिया आदेश
खेतों में पुआल जलाने की अब ड्रोन से निगरानी होगी. ऐसे किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं से वंचित करने के लिए उनकी डीबीटी पंजीकरण भी स्थगित की जायेगी. साथ ही खेतों में पुआल जलाने वाले पैक्सों और व्यापार मंडलों में धान भी नहीं बेच पायेंगे. साथ ही इस संबंध में विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने मद्य निषेध, कृषि और सहकारिता विभाग को आदेश दिया है. बार-बार फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर धारा-133 के तहत कार्रवाई होगी. सेटेलाइट इमेज और एरियल की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा करने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई होगी. धारा-133 की कार्रवाई करने के बाद इसका संदेश आम लोगों तक पहुंचाने का आदेश राज्य के सभी डीएम को विकास आयुक्त ने दिया है.
गोपालगंज व रोहतास समेत 10 जिलों के डीएम को किया अलर्टरोहतास, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, गोपालगंज, सीवान, पटना, नवादा और पश्चिम चंपारण में सबसे अधिक पुआल जलाने के मामले सामने आये हैं. इन जिलों के डीएम और जिला कृषि पदाधिकारी को विकास आयुक्त ने अलर्ट किया है. फसल कटनी के बाद लगातार निगरानी रखने का आदेश दिया है. फसल जलाने में पहले से चिह्नित जिलों में किसान चौपाल लगाकर विकास आयुक्त ने किसानों को जागरूक करने का आदेश दिया है.
50 पंचायतों में स्थापित होंगे स्पेशल हायरिंग सेंटरसर्वाधिक फसल अवशेष जलाने वाले 50 पंचायतों का चयन करने का विकास आयुक्त ने आदेश दिया है. इन 50 पंचायतों में आगामी मौसम में फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का आदेश दिया है.
फसल अवशेष नहीं जलाने वाले पंचायत होंगे पुरस्कृतविकास आयुक्त ने फसल अवशेष की घटना को नियंत्रित करने के लिए प्रोत्साहन नीति लाने की बात कही है. फसल अवशेष नहीं जलाने को लेकर पंचायत स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित करने का आदेश दिया है. पुआल नहीं जलाने वाले पंचायतों को पुरस्कृत करने का आदेश दिया है. फसल अवशेष की घटना पाये जाने वाले जिलों में कृषि यंत्रों के प्रयोग के वीडियो बनाकर प्रचार-प्रसार करने का विकास आयुक्त ने कृषि और सूचना व जनसंपर्क विभाग को आदेश दिया है. रेडियो, जिंगल, विज्ञापन और टीवी स्पॉट के माध्यम से फसल अवशेष नहीं जलाने को लेकर प्रचार-प्रसार करने का विकास आयुक्त ने आदेश दिया है.
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