सेटेलाइट से कैद तस्वीरों के आधार पर 22 जिलों में पुआल जलाने की होगी जांच
राज्यभर में प्रतिदिन दो सौ से तीन सौ जगहों पर पुआल (पराली- फसल अवशेष) जलायी जा रही है. राज्य के 22 जिलों में पुआल जलाने की तस्वीर सेटेलाइट में कैद हुई है.
– राज्यभर में हर रोज दो सौ से तीन सौ जगहों पर पुआल जलाने के मामले आ रहे सामने
– औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, जमुई, कैमूर, लखीसराय में सर्वाधिक मामलेसंवाददाता, पटना
ड्रोन से भी पुआल जलाने की जांच का आदेश
कृषि विभाग की ओर से ड्रोन से भी पुआल जलाने की जांच का आदेश दिया गया है. 50 पंचायतों में स्पेशल हायरिंग सेंटर बनाने का आदेश दिया गया है. वहीं, जिन पंचायतों में पुआल नहीं जलायी जा रही है, उन पंचायतों को सम्मानित करने का भी प्रावधान किया गया है. बार-बार पुआल जलाने वालों के खिलाफ धारा-133 के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है.12426 किसानों को योजनाओं से किया गया वंचित
फसल अवशेष जलाने वाले 12426 किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं से तीन वर्षों के लिए वंचित कर दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में 14 किसानों पर एफआइआर की गयी है. 2184 किसानों के पंजीकरण को कृषि विभाग की योजनाओं से वंचित कर दिया गया है. बीते वर्ष धान कटनी के बाद फसल अवशेष जलाने वाले 2797 किसानों को विभाग की योजनाओं से वंचित कर दिया गया. इस साल गेहूं कटनी के बाद रोहतास में 242, कैमूर में 560, बक्सर में 880, नालंदा में 210, भोजपुर में 111, पटना में 15, गया में 131 किसानों पर कार्रवाई हुई है. पश्चिम चंपारण में 12, लखीसराय में एक, सीवान में तीन, किशनगंज व मुंगेर में दो-दो और शेखपुरा में 15 किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं से वंचित कर दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है