दिवाली पर अपने घर आ कर त्योहार मनाने की चाहत रखने वाले कई लोग इस बार टिकट उपलब्ध नहीं होने के कारण बिहार अपने घर नहीं आ सके. लेकिन अब वो छठ महापर्व अपने परिवार के साथ अपने घर पर मनाना चाह रहे हैं. लेकिन इस बार छठ में भी लोगों का घर आना मुश्किल दिख रहा है. दिल्ली एवं अन्य बड़े शहरों से बिहार आने के लिए ट्रेनों में तो नो रूम हो ही चुका है. अब बसों में भी टिकट उपलब्ध नहीं है. वहीं अगर बात करें फ्लाइट की तो उसकी टिकट ही इतनी महंगी है कि लोग उसे खरीदने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं.
छठ तक दिल्ली पटना बस सेवा पूरी तरह फुल है. ट्रेन में नो रूम और दीपावली पर दिल्ली से पटना आने वालों की भीड़ के चलते बीते चार दिनों से यह फुल चल रहा था. सोमवार को दीपावली होने के कारण केवल भीड़ थोड़ी कम थी और कुछ टिकटें उपलब्ध थी. लेकिन मंगलवार से रविवार छठ के दिन तक का टिकट बिल्कुल फुल है. हलांकि पटना से दिल्ली जाने के लिए बस का टिकट इस अवधि में उपलब्ध है. लेकिन छठ के बाद इन बसों में भी चार दिनों तक का 50 फीसदी टिकट अभी से बुक हो चुका है. बचे हुए टिकट के भी अगले दो-तीन दिनों में फुल हो जाने की संभावना है.
पटना दिल्ली के बीच बीएसआरटीसी की दो बसें चलती हैं जो शाम में 4.30 बजे यहां से खुलती और लगभग 20 घंटे बाद दोपहर 12:30 बजे गाजियाबाद बस टर्मिनल में पहुंचती है. इन दोनों बसों में एक स्लीपर है जिसकी सीट क्षमता 42 है और इसके पटना से दिल्ली का किराया 1900 रुपये है. दूसरा बस सीटर है. इसमें 51 सीट है और पटना से दिल्ली का इसका किराया 1650 रुपये है.
इस वर्ष छठ पर्व 28 अक्तूबर को नहाय खाए के साथ शुरू हो रहा है. छठ व्रती 30 अक्तूबर को डूबते सूर्य को तो 31 अक्टूबर को उगते सूरज को अर्घ्य देंगी. बिहार का सबसे प्रमुख पर्व छठ है. इसकी ख्याति अब देश सहित विदेशों में भी होने लगी है. दीपावली के बाद ही छठ का माहौल शुरू हो जाता है. बाजार सज जाता है. लोग बिहार लौटना शुरू कर देते हैं.