आयुष्मान कार्ड पर अब प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा सीजेरियन, पटना में ऑपरेशन के लिए मिलते थे 11700 रुपये
जानकारों की मानें तो पैकेज का रेट कम होने से प्राइवेट अस्पताल सीजेरियन प्रसव करने से कतराते थे, जिसके कारण अधिकतर आयुष्मान कार्डधारी महिलाओं को लौटना पड़ता था और सरकारी अस्पतालों में जाना पड़ता था.
आनंद तिवारी, पटना: आयुष्मान कार्ड पर प्राइवेट अस्पतालों में ऑपरेशन से होने वाले प्रसव को बंद कर दिया गया है. ऐसे में इन अस्पतालों में गरीब परिवाराें की गर्भवतियों को खुद खर्च उठाना पड़ रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग को दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है, जिसके बाद राज्य स्वास्थ्य समिति ने आदेश जारी कर आयुष्मान कार्ड के दायरे से निजी अस्पतालों में होने वाले सीजेरियन प्रसव के खर्च को हटा दिया है. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने गरीबों को इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड जारी किया है, जिसके तहत पांच लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज की सुविधा है.
एक सीजेरियन प्रसव पर मिलते थे 11,700 रुपये
अब तक आयुष्मान कार्डधारियों को प्राइवेट अस्पतालों में सीजेरियन प्रसव का लाभ मिल रहा था. इसके बदले में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हर सीजेरियन प्रसव पर करीब 11,700 रुपये प्राइवेट अस्पतालों को दिये जाते थे. वहीं, जानकारों की मानें तो पैकेज का रेट कम होने से प्राइवेट अस्पताल सीजेरियन प्रसव करने से कतराते थे, जिसके कारण अधिकतर आयुष्मान कार्डधारी महिलाओं को लौटना पड़ता था और सरकारी अस्पतालों में जाना पड़ता था. हालांकि, वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा पहले की तरह ही उपलब्ध है.
पुराने पैकेज में ये सुविधाएं थीं शामिल
इस योजना के तहत पुराने पैकेज में ऑपरेशन से प्रसव, सात दिन तक भर्ती कर दवा, खाना और बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी होती थी. लेकिन नयी व्यवस्था में आयुष्मान कार्ड के दायरे में निजी अस्पतालों में सीजेरियन प्रसव हटा दिया गया है.
पटना जिले में आयुष्मान योजना
3.41 लाख से अधिक लोगों का बन चुका है आयुष्मान कार्ड पटना जिले में
40 से अधिक निजी अस्पतालों को जोड़ा गया है आयुष्मान योजना से जिले में
12 से अधिक निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड पर सीजेरियन डिलीवरी की थी सुविधा
सरकारी अस्पतालों में पहले की तरह मिलेगी यह सुविधा
सिविल सर्जन डॉ केके राय ने कहा कि सिर्फ निजी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव पर रोक लगी है. लेकिन, सभी सरकारी अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव का नियम पहले की तरह है. शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स के अलावा गर्दनीबाग व अनुमंडलीय व कुछ पीएचसी अस्पतालों में आयुष्मान के तहत सीजेरियन डिलीवरी करा सकते हैं.
असर : संस्थागत प्रसव बढ़ाने के प्रयासों को लगेगा धक्का
राज्य में संस्थागत प्रसव में वृद्धि हुई है. 30 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी हेल्थ मैनेजमेंट एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम की रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 में 86.2% से बढ़ कर 2021-22 86.7% हो गया है. यानी अभी 100 गर्भवतियाें में 87 का प्रसव अस्पतालों में हो रहा है. इस मामले में बिहार देश में नीचे से चौथे स्थान पर है. स्वास्थ्य विभाग राज्य में संस्थागत प्रसव दर को शत प्रतिशत करने पर फोकस कर रहा है. लेकिन आयुष्मान कार्ड पर निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी की सुविधा खत्म करने से संस्थागत प्रसव बढ़ाने के प्रयासों को झटका लगा सकता है.