कैमरे में लम्हों को कैद कर दुनिया को दिखाया
आज वर्ल्ड फोटोग्राफी डे है. आइए जानते हैं वरिष्ठ फोटोग्राफर से लेकर युवा फोटोग्राफर की संघर्ष से लेकर उनकी सफलता तक के बारे में.
वर्ल्ड फोटोग्राफी डे आज
बिहार के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट बीके जैन के समर्पण ने दिलाया उन्हें मुकाम
पांच दशकों से ज्यादा समय से बीके जैन जर्नलिज्म के साथ-साथ पिक्टोरियल, नेचर और ट्रेवल फोटोग्राफी की है. ये विगत 54 सालों से फोटोग्राफी के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. 1965 में जब इन्होंने देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लोगों की तस्वीरों को छपते देखा तो इन्हें भी छपने का विचार आया. उस वक्त फोटोग्राफी कैसे की जाये और इसके प्रिंट कैसे बनाया जाये, ऐसी बारीकियां बताने वाले उस समय बहुत कम थे. ऐसे में इनकों मंगेर के डॉ बीजी बोस जैसे जानकार से मुलाकात हुई, जिन्होंने इस क्षेत्र की बारीकियों से रूबरू कराया. 1979 में मुंगेर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की ओर से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 7 विभागों में एंट्रीज मांगी थी जिसमें इन्हें सातों विभाग में पुरस्कृत किया गया. इसी वर्ष इन्हें दिल्ली में गुरु ओ पी शर्मा से मिलने का मौका मिला. इनसे एडवांस लेवल की फोटोग्राफी की बारीकियों को सीखा. बिहार सरकार के यूथ विभाग की ओर से 1981 और 1985 में स्वर्ण पदक से नवाजा गया. इनका काम बिहार म्यूजियम, पटना म्यूजियम, नृत्य कला मंदिर, ओल्ड सेक्रेटेरिएट, बापू सभागार, मुंगेर सर्किट हाउस आदि जगहों पर देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि 19 अगस्त 1839 के दिन फ्रांस की सरकार ने सामूहिक रूप से इस फोटोग्राफी को जनहित को समर्पित कर एक इतिहास रचा था. यही कारण है कि संपूर्ण विश्व में इसी दिन वर्ल्ड फोटोग्राफी दिवस के रूप में मनाया जाता है.वर्ल्ड लेवल मैगजीन में नीरज की जल्द आयेंगी तस्वीरें
अपनी लगन और हिम्मत की बदौलत नीरज (मोगली) फोटोग्राफी के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाने में में कामयाब रहे हैं. वह लगभग 14 सालों से लगातार तरह-तरह के फोटोग्राफी करते आ रहे हैं. शुरुआती दौड़ में खुद का कैमरा न होने की वजह से काफी परेशानी आयी लेकिन हार नहीं मानी और खुद के बचत किये हुए पैसों से अपना पहला कैमरा लिया. आज इनके पास लगभग 10 कैमरे है और बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.हाल में ही यूनाइटेड नेशन कंट्री हेड के साथ प्रोजेक्ट पर काम किया है इनकी तस्वीर को वर्ल्ड लेवल मैगजीन में दिखायी जायेगी. इंडिया पोस्ट,नाबार्ड, डब्ल्यूएचओ, आइटीसी, बीपार्ड, बिहार-झारखंड सरकार यूएन जैसे संगठनों के साथ काम कर रहे हैं.राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित की जा चुकी हैं रंजीत की तस्वीरें
रंजीत ने 2010 में किलकारी में एक छात्र के रूप में फोटोग्राफी शुरू की. इनकी तस्वीरें न केवल उनकी जन्मभूमि की सांस्कृतिक परंपराओं का दस्तावेज हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों का प्रमाण भी हैं. इनके खींची गयी तस्वीरें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित की जा चुकी है. इन्होंने बिहार की गुफाएं, अपना पटना जैसी पुस्तक में भी कार्य किया है. इनके खींची हुई तस्वीरें कई कैटलॉग और मैगजीन में छपी है. कला संस्कृति युवा विभाग बिहार सरकार द्वारा आयोजित कला मंगल में फोटोग्राफी की प्रदर्शनी भी लगी है. इन्हें फोटोग्राफी के क्षेत्र में कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान भी प्राप्त हुआ है. उनके कार्यों को ललित कला अकादमी, पटना, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न समूहों के शो में प्रदर्शित किया गया है.पैशन को प्रोफेशन बना रिया ने फूड फोटोग्राफी में बनायी पहचान
कोरोना पीरियड में लगे लॉकडाउन का सदुपयोग करते हुए रिया सिन्हा ने अपने पैशन को प्रोफेशन में बदला है. वर्तमान में वह सोशल मीडिया के जरिए फूड फोटोग्राफी में अपनी पहचान बना चुकी हैं. वह जो भी तस्वीरें खींचती उसे सोशल मीडिया पर शेयर करती जिसे देश कई कंपनियां काम को लेकर ऑफर करनेे लगी. वर्तमान में विभिन्न बड़े ब्रांड के साथ वह काम कर रही हैं. इनकी ली गयी फूड फोटोग्राफ्स जोमैटो, स्विगी जैसी कई बड़ी कंपनियां भी यूज करती हैं. रिया कहती हैं कि उनके पिता साल 2022 में एक साथ कैमरा व आइपैड खरीद उन्हें गिफ्ट किया. हाल ही में एनआइटी पटना व पीडब्ल्यूसी में लेक्चर के लिए बुलाया गया था. वह बताती हैं आने वाले दिनों में एक प्लेटफार्म तैयार करेंगी, जिसके माध्यम से नये लोगों को फोटोग्राफी से जोड़ा जा सकेगा.कई एग्जीबिशन में लगी हैं सुधीर नयन की तस्वीरें
राजाबाजार निवासी सुधीर नयन बताते हैं कि उन्हें चौथी कक्षा से ही फोटोग्राफी का शौक रहा है. उन दिनों वे एसएलआर कैमरे से तस्वीरें खींचते थे. वह बताते हैं कि उनके पिता आर्मी में थे, जिसके चलते वे शिलांग जैसे कई शहरों में भी जाते थे. वहां नेचर व अन्य की तस्वीरें क्लिक करते. सुधीर ने कहा कि इस ओर रूचि इस कदर बढ़ी कि ग्रेजुएशन व मास्टर्स की डिग्री भी फोटोग्राफी में ली है. उन्होंने कहा कि घर में 32 कैमरे व कई स्टैंड, लेंस, फ्लैश व अन्य रखे हैं. इसे आने वाले दिनों में म्यूजियम बना घर में रखने की तैयारी हैं. बता दें कि, सुधीर नयन ने अपने तस्वीरों को कई नेशनल व इंटरनेशनल एग्जीबिशन में लगा चुके हैं. साथ ही, राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी हो चुके हैं. वहीं, नयी पीढ़ी को फोटोग्राफी की विधाओं को बताने के लिए निशुल्क व्याख्यान भी देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है