संवाददाता, पटना राज्य के बुनकरों की बनायी दरी, सतरंगी चादर व अन्य वस्त्र बनाने के लिए सरकार मदद करेगी. बुनकरों को सहकारी बैंकों से कार्यशील पूंजी उपलब्ध करायी जायेगी. इन समितियों के उत्पादों को राज्य के अस्पतालों, जेलों, विद्यालयों, कार्यालयों तथा अन्य सरकारी संस्थानों में प्राथमिकता के आधार पर क्रय करने का प्रयास किया जायेगा. सहकारिता मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने विभाग के अधिकारियों को ये आदेश दिये हैं. उल्लेखनीय है कि प्रभात खबर ने 31 दिसंबर को पैक्स, डेयरी और मत्स्य सहित 9180 सहकारी समितियों का अस्तित्व खत्म, शीर्षक से इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया था. सरकारी सहयोग नहीं मिलने से बुनकर समितियों विलुप्त होने का मुद्दा उठाया था. सहकारिता मंत्री ने कहा है कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि उचित संरक्षण नहीं मिलने के कारण बुनकर प्रतिभाएं विलुप्त हो रही हैं. मंत्री ने बुनकर समितियों को फिर से क्रियाशील करने का आदेश दिया है. कहा है कि सहकारिता विभाग इनके लिए योजनाएं बनायेगा. 200 बुनकर समितियों में शीघ्र होगा चुनाव : राज्य के लगभग 200 बुनकर समितियों के निर्वाचन लंबित रहने पर भी मंत्री ने चिंता जतायी. मंत्री ने इन समितियों का निर्वाचन शीघ्र कराने का आदेश दिया. जिला अंकेक्षण पदाधिकारी, सहयोग समितियां को बुनकर सहयोग समितियों के अंकेक्षण को अपडेट करने का आदेश दिया. इन समितियों का ससमय अंकेक्षण करने का आदेश दिया है. मंत्री ने कहा कि बुनकर सहयोग समितियों की योजनाओं को उद्योग विभाग की ओर से संचालित किया जाता है. सहकारिता विभाग की ओर से इनका निबंधन तथा समिति के गठन और निर्वाचन का कार्य किया जाता है. पैक्सों, मत्स्यजीवी सहयोग समितियों को आधारभूत संरचना और उपस्कर के लिए राशि तथा मार्जिन मनी आदि सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है