कैलाशपति मिश्र, पटना बिहार के लाखों लोगों से अवैध तरीके से करीब एक हजार निधि कंपनियां जमा ले रही हैं. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने अवैध तरीके से जमा ले रहीं 625 निधि कंपनियों पर एफआइआर करने का निर्देश दिया है. इन कंपनियों में चार सौ करोड़ से अधिक जमा होने की संभावना जतायी जा रही है. इस बात का भी अंदेशा जताया जा रहा है कि कहीं ये कंपनियां पश्चिम बंगाल के शारदा घोटाले की तरह बिहार के गरीब लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत न हो जाएं. दरअसल, केंद्र सरकार ने मंत्रालय से पंजीकृत ऐसी निधि कंपनियों का राज्य में सर्वे करवाया, जो नियमों को अनुपालन नहीं कर रही थी और लोगों से जमा ले रही थी. सर्वे की टीम जब पंजीकृत निधि कंपनियों द्वारा दिये गये एड्रेस पर गयी तो उन्हें कंपनी के फर्जी होने का आभास हुआ. आसपास के लोगों को भी ऐसी कंपनियों की जानकारी नहीं थी. मंत्रालय ने इसकी सूचना वित्त विभाग को देते हुए राज्य में अवैध संचालित निधि कंपनियों पर नजर रखने के लिए कहा है. साथ ही संबंधित जिलों के एसएसपी को एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया है. इससे पहले भी मंत्रालय ने 342 कंपनियों पर एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा था. इन कंपनियों को लोगों से रुपया जमा लेने का अधिकार नहीं निधि (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत निधि कंपनियों को सीधे आमलोगों से जमा लेने का अधिकार नहीं है. ये कंपनियां केवल अपने सदस्यों के बीच लेने देन कर सकती हैं. नियमानुसार इन कंपनियों को एनडीएच-4 फॉर्म भरना अनिवार्य है, ताकि यह पता चल सके कि वे केंद्र सरकार के नियम-कायदों का अक्षरश: पालन कर रही हैं. यह एक तरह से घोषणापत्र है. इसमें कंपनी के सभी सदस्यों का नाम और पता रहता है. एमसीए में पंजीकृत वैसी निधि कंपनियां जिन्होंने एनडीएच-4 फॉर्म नहीं भरा है, वे जमा नहीं ले सकती हैं. प्रभात खबर ने उठाया था मुद्दा प्रभात खबर ने राज्य में अवैध तरीके से जमा ले रही निधि कंपनियों को लेकर खबर की थी. इस खबर के आधार पर ही विधानसभा में विधायकों ने सवाल उठाये थे. इसके बाद वित्त विभाग ने मंत्रालय से पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की थी. उसके बाद एमसीए ने निधि कपंनियों को लेकर सर्वे करवाया और एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया.
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