भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मुश्किलों में फंस गए हैं. बिहार में बेगूसराय के सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है. यह शिकायत बेगुसराय जिला न्यायालय के चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट रूम्पा कुमारी के न्यायालय में डी एस इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर परिवादी नीरज कुमार निराला की ओर से की गई है. इस मामले में धोनी के साथ साथ आठ अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया है. बेगूसराय कोर्ट में मामले पर सुनवाई 28 जून को होगी.
परिवादी नीरज कुमार निराला ने आरोप लगाया है कि 2021 में उन्होंने न्यू ग्लोबल उपजवर्धक इंडिया लिमिटेड का सीएनएफ लिया था. सीएनएफ लेने के लिए 36 लाख 86 हजार रुपए कंपनी को दिया जिसके बाद कंपनी ने फर्टिलाइजर भेज दिया. लेकिन कंपनी के असहयोग के कारण उन्हें फर्टिलाइजर बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ा.
इसी के बाद परिवादी और कंपनी के विवाद उत्पन्न होने पर कंपनी ने परिवादी को 30 लाख का चेक देकर सारा फर्टिलाइजर वापस मांगा लिया. लेकिन जब चेक को बैंक में डाला गया तो वह बाउंस कर गया. चेक बाउंस करने के बाद परिवादी ने आरोपी को लीगल नोटिस भेजा मगर उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला, तब उसने न्यायालय में सभी आरोपियों और कंपनी के विरुद्ध न्यायालय में परिवाद पत्र दाखिल किया. इसके साथ ही परिवादी ने लीगल नोटिस और धोनी द्वारा किए जा रहे विज्ञापन का सबूत भी जमा कराया है.
जिन लोगों पर परिवाद दायर किया गया है उनमें न्यू ग्लोबल उपज वर्धक इंडिया लिमिटेड नई दिल्ली, मार्केटिंग स्टेट हेड बिहार अजय कुमार, सीईओ राजेश आर्या, निदेशक अकाउंट एडमिनिस्ट्रेशन महेंद्र सिंह, मार्केटिंग हेड अर्पित दुबे, ए डी इमरान बिन जफर, मार्केटिंग मैनेजर वंदना आनंद, चेयरमैन महेंद्र सिंह धोनी शामिल हैं. इनके विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 406, 120 बी एवं एन आई एक्ट की धारा 138 के तहत न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया गया है.