पटना : बिहार में स्टेट टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट में कॉमर्स के उम्मीदवारों को शामिल नहीं किये जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से चार सप्ताह में जवाब तलब किया.
पटना हाईकोर्ट के जस्टिस न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की एकलपीठ ने बुधवार को मोहम्मद अफरोज और अन्य द्वारा दायर की गयी याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को यह निर्देश दिया.
याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 25 सितंबर, 2019 को शिक्षा विभाग के उप सचिव ने इस परीक्षा में कॉमर्स के उम्मीदवारों को शामिल करने के लिए निर्देश दिया था. लेकिन, विज्ञापन में कॉमर्स के लिए स्वीकृत पदों को शामिल नहीं किया गया था.
अदालत को बताया गया कि इस परीक्षा का आयोजन नौ साल बाद आयोजित किया जा रहा है. राज्य के एक हजार से भी अधिक हायर सेकेंडरी स्कूल में कॉमर्स शिक्षकों के नहीं होने के कारण पढ़ाई बाधित हैं.
मालूम हो कि पटना हाईकोर्ट ने इससे पहले एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए एसटीईटी की परीक्षा नौ सितंबर को लेने का फैसला सुनाया था. जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने पंकज कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया था.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा पहले ली गयी एलिजिबिलिटी टेस्ट को रद्द कर नये सिरे से परीक्षा लेने का निर्णय किया था. समिति के इसी निर्णय को चुनौती देते हुए याचिका दायर कर ली गयी परीक्षा के परिणाम को घोषित करने की मांग की गयी थी.