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बिहार की 326 फर्जी निधि कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज, 323 की हो रही जांच

सम्राट चौधरी ने कहा कि मानदंडों का पालन नहीं करने वाली सभी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जल्द ही पूरी की जायेगी. राजद विधायक ने सरकार के पूछा था कि पटना, औरंगाबाद, वैशाली, सारण सहित पूरे राज्य में 376 निधि कंपनियां पंजीकृत हैं. यह राज्य की जनता से रकम जमा लेती हैं.

पटना. राज्य में 326 फर्जी निधि (फाइनेंस) कंपनियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है, जबकि अन्य 323 के खिलाफ प्रक्रिया जारी है. यह बातें उप मुख्यमंत्री सीएम सम्राट चौधरी ने विधानसभा में एक अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में बतायीं. नवीनगर से राजद के विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह केे द्वारा विधानसभा में पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि मानदंडों का पालन नहीं करने वाली सभी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई जल्द ही पूरी की जायेगी. राजद विधायक ने सरकार के पूछा था कि पटना, औरंगाबाद, वैशाली, सारण सहित पूरे राज्य में 376 निधि कंपनियां पंजीकृत हैं. यह राज्य की जनता से रकम जमा लेती हैं. निधि (संशोधन) अधिनियम के अधीन निधि कंपनियों को एनडीएच-4 फार्म फरना आवश्यक है. राज्य में चल रहीं 376 में से 300 निधि कंपनियों ने एनडीएच- 4 फार्म नहीं भरा है, जिसके कारण वे सभी फर्जी हैं. उन्होंने अनिवार्य निर्धारित प्रावधानों का पालन किये बिना काम करने वाली ऐसी वित्त कंपनियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के बारे में जानना चाहा था. सम्राट चौधरी ने बताया कि केंद्र ने अब निधि कंपनियों के लिए संगठन के नियंत्रण, संग्रह केंद्रों और लाभ विवरण में परिवर्तन के बारे में प्राधिकरण को सूचित करना अनिवार्य कर दिया है.

हर कंपनी को फॉर्म एडीएच-4 दाखिल करना अनिवार्य

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल 2014 या उसके बाद गठित प्रत्येक कंपनी को फॉर्म एनडीएच-4 दाखिल करना अनिवार्य होगा. पिछले साल, बिहार में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) ने संदिग्ध अवैध गतिविधियों पर 600 से अधिक निधि या पारस्परिक लाभ वाली कंपनियों के खिलाफ एक सलाह जारी की थी. बाद में आम लोगों को उनके जाल में फंसने से रोकने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस के साथ सलाह साझा की गयी.

क्या हैं निधि कंपनियां, कैसे करती हैं काम

निधि कंपनियां गैर-बैंकिंग वित्त क्षेत्र में एक प्रकार की संस्थाएं हैं, जिनका प्राथमिक व्यवसाय उनके सदस्यों के बीच उधार लेना और उधार देना है. कंपनी अधिनियम के तहत, इन संस्थाओं को कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ ई-फॉर्म एनडीएच-4 दाखिल करके खुद को निधि/पारस्परिक लाभ वाली कंपनियों के रूप में घोषित करना होगा. जनता को लुभाने के लिए खुद को बैंक के रूप में पेश करने वाली कथित अवैध निधि कंपनियों के प्रसार पर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गयी थी.

राज्यकर्मियों को नोशनल इंक्रीमेंट का लाभ देने पर हो रहा अध्ययन

वित्तमंत्री सम्राट चौधरी ने केसरिया की विधायक शालिनी मिश्रा के एक अल्पसूचित सवाल के जवाब में कहा कि राज्य कर्मियों को एक नोशनल इंक्रीमेंट का लाभ देने पर राज्य सरकार अध्ययन करा रही है. इसमें क्या कुछ किया जा सकता है, उसपर विचार किया जायेगा. विधायक का सवाल था कि राज्य में एक जनवरी 1996 से हू-ब-हू केंद्रीय वेतनमान और सेवा शर्तें लागू हैं. सुप्रीम कोर्ट के 11 अप्रैल 2023 के आदेशानुसार 30 जून व 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होनेवाले सभी केंद्रीय कर्मियों को एक नोशनल इंक्रीमेंट का लाभ 11 अप्रैल 2023 से दिया जा रहा है. केंद्रीय वेतनमान और सेवा शर्त लागू होने के बाद भी बिहार सरकार के कर्मियों को यह लाभ नहीं मिल रहा है.

पंचायत प्रतिनिधियों को हथियार का लाइसेंस दिलायेगी सरकार


उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने विधान परिषद में घोषणा की है कि राज्य के जिला परिषद सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों, प्रमुख, उप प्रमुख, मेयर और वार्ड काउंसलर के भत्ते में बढ़ोतरी करने पर सरकार विचार करेगी. विधान पार्षद सौरभ कुमार और राजीव कुमार के तारांकित प्रश्न तथा कुमार नागेंद्र और अन्य के ध्यानाकर्षण पर चौधरी ने बताया कि मुखिया, पंच-सरपंच, वार्ड सदस्यों को बढ़े हुए मानदेय के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है. एमएलसी राजीव कुमार के सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने के प्रति सरकार प्रतिबद्ध है. इसमें मामले में सरकार जिला अधिकारियों की तरफ से छानबीन कराकर जरूरतमंद जन प्रतिनिधि को लाइसेंस दिलायेगी.

नई इलेक्ट्रिक कार से विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

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बिहार की 326 फर्जी निधि कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज, 323 की हो रही जांच 2

सोमवार को बिहार विधान मंडल के बजट सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई इलेक्ट्रिक कार चर्चा का विषय रहा.नई इलेक्ट्रिक कार से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के साथ मुख्यमंत्री नई कार से विधान भवन पहुंचे. विधान सभा पहुंचकर दोनों ने वहां मौजूद लोगों का अभिभावदन भी स्वीकर किया.यह कार चार से पांच घंटे में फुल चार्ज हो जाती है.इस कार से एक बार की फुल चार्जिंग के बाद 500 से 600 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. यह कार पूरी तरह ईको फ्रेंडली और इसकी ऑन रोड कीमत करीब पचास लाख रुपये बताई जा रही है.दरअसल,पिछले दिनों पटना में इलेक्ट्रिक व्हीकल की प्रदर्शनी लगी थी, जिसमें देश की नामी कार कंपनियों ने अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की प्रदर्शनी लगाई थी.उस प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गए थे, उसी समय मुख्यमंत्री ने अपने लिए एक इलेक्ट्रिक कार का आर्डर दिया था.

श्रवण कुमार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक

श्रवण कुमार विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक होंगे, जबकि जनक सिंह को उपमुख्य सचेतक बनाया गया है. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने इनके मनोनयन को मान्यता प्रदान कर दी है.विधानसभा के निदेशक व विधान परिषद के अवर सचिव ने इसकी जानकारी नौ फरवरी को ही ससंदीय कार्य विभाग को दी थी. मुख्य सचेतक को मंत्री स्तर की , जबकि उपमुख्य सचेतक को राज्यमंत्री की सुविधा मिलेगी.

गरीबी, आवास व इलेक्ट्राल बांड जैसे मुद्दों पर माले का प्रदर्शन

सोमवार को बिहार विधानसभा में विधायक कार्य प्रारंभ हो इसके पूर्व माले विधायकों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. माले नेता अपने हाथों में पोस्टर और तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते नजर आए. माले के सदस्यों ने प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए. नेताओं का कहना था कि राज्य सरकार गरीबों को आवास देने की हवा -हवाई घोषणाएं करती है, लेकिन गरीबों को इतने साल के बाद भी अब तक आवास की सुविधा नहीं मिल पायी है.कई सदस्यों ने इस दौरान नीतीश सरकार के बीते 17 साल के कार्यकाल में की गयी घोषणाओं, आदेश, अनुदेश की जांच की मांग उठायी. माले के महबूब आलम ने मांग कि 2017 से इेलक्ट्रॉल बांड के जरिए आए चंदे का भाजपा हिसाब दे. माले ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार जाति आधारित गणना को झुठलाने की कोशिश में जुटी हुई है.

लोकसंवेदना अभियान पखवारा की मॉनीटरिंग होगी : विजय

संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर लोकसंवेदना अभियान पखवारा मनाने का निर्देश देगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से आठ मार्च 2022 के द्वारा ऐसा सर्कुलर जारी किया गया है. इसके अनुसार सरकार अपने कर्मचारियों में संवेदनशीलता लाने को लेकर मॉनीटरिंग भी करेगी. संसदीय कार्य मंत्री सोमवार सो झंझारपुर के विधायक नीतीश मिश्रा के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे.

जिला मुख्यालय में परिसदन व अतिथिगृह बनाने की नीति

संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने काराकाट के विधायक अरुण सिंह के तारांकित प्रश्न के जवाब में बताया कि सरकार की नीति जिला मुख्यालय में अतिथिगृह और परिसदन बनाने की है. जिला से अलग कहीं पर भी परिसदन बनाने की सरकार की अभी नीति नहीं हैं. विधायक ने सरकार से रोहतास जिला के बिक्रमगंज अनुमंडल में परिषदन बनाने को लेकर सरकार से प्रश्न पूछा था.

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अनुमंडल के गठन की प्रक्रिया निर्धारित : विजय कुमार चौधरी

संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गोविंदपुर के विधायक मो कामरान के तारांकित प्रश्न के जवाब में बताया कि किसी भी जिला, अनुमंडल या प्रखंड के गठन या पुनर्गठन की प्रक्रिया निर्धारित है. इस प्रकार के प्रशासनिक इकाइयों के गठन के लिए जिलाधिकारी अपने प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से सरकार को प्रस्ताव भेजते हैं. सरकार के पास प्रस्ताव आने के बाद सचिव स्तर की कमेटी उसका अध्यक्षन करती है. इसके बाद इस प्रस्ताव को मंत्रियों के समूह के पास भेजा जाता है. विधायक कमरान रोह प्रखंड को नवादा अनुमंडल में शामिल करने को लेकर सरकार से सवाल किया था.

विधानसभा अध्यक्ष ने भविष्य में भी ऐसा सहयोग की अपेक्षा की

बिहार विधानसभा में सोमवार को न शोरशराबा था और नहीं विपक्ष की मांग को लेकर हंगामा. स्थिति यह रही कि हर दिन कार्यस्थगन प्रस्ताव को लेकर वेल में आनेवाले सदस्य भी शांत होकर अपनी सीट पर जमे हुए थे. सदन में विपक्षी विधायकों की संख्या कम थी और कोई हंगामा भी नहीं था. विपक्ष में कांग्रेस और वामदलों के सदस्यों ने भी किसी प्रकार के जनता के सवाल पर हंगामा नहीं किया. शांतपूर्ण तरीके से प्रश्नकाल चलाने में सत्तापक्ष व विपक्ष के सदस्यों ने सहयोग किया. सदस्यों के इस प्रकार के सहयोग को लेकर आसन पर बैठे नंदकिशोर यादव ने भी भविष्य में इस प्रकार के सहयोग की अपेक्षा की. अंत विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को बताया कि सोमवार को सदन में गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, वित्त विभाग, उद्योग विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय (नागरिक विमानन) विभाग और गन्ना उद्योग विभाग के कुल 100 प्रश्नों में से 97 प्रश्नों का जवाब ऑनलाइन प्राप्त हो गया था जबकि तीन प्रश्नों का ऑनलाइन उत्तर नहीं प्राप्त हुआ था.

…और लुंगी पहननेवालों की भावनाओं पर पहुंच गयी ठेस

विधान परिषद की पहली पारी की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चली. पक्ष और विपक्ष गंभीर मुद्दों पर सवाल-जवाब करता दिखा. हालांकि, इस दौरान ऐसे मौके भी आये ,जब खूब -हंसी मजाक हुआ. सोमवार को हास्य का मुख्य विषय लुंगी बन गया. हास्य के कुछ और भी विषय रहे. दरअसल एमएलसी प्रो वीरेंद्र नारायण यादव ने रिविलगंज के प्रखंड सह अंचल कार्यालय सामुदायिक भवन की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि यहां लोग लुंगी आदि ऐसे वैसे कपड़ों में यूं ही आते- जाते रहते हैं. कार्यालय जैसा कोई माहौल नहीं है. उनकी इस बात पर सदन के कई सदस्य सहमत दिखे. मंत्रीगण भी चुप रहे. तभी आज ही विरोधी दल के मुख्य सचेतक बने सुनील कुमार सिंह व्यवस्था के सवाल पर बड़ी गंभीरता से खड़े हो गये. बोले कि इनके बयान से लुंगी पहनने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. दक्षिण भारत में मुख्य पहनावा भी लुंगी है. क्या कार्यालय में जाने का कोई ड्रेस कोड है? इस पर सभापति ने मुस्कराते हुए उनसे कहा कि भावना को समझिये. दूसरे सदस्यों ने हंसते हुए ऐसा ही कहा. वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि उच्च सदन जैसे अहम जगह पर लोग कुछ भी बोल रहे हैं. सुनील सिंह ने काउंटर करने की कोशिश की,लेकिन लोग इस मामले में हंसते दिखाई देते रहे.

मंत्री की उत्तर से अंसतुष्ट होकर कहा कि अधिकारी झूठे हैं

एमएलसी रवींद्र प्रसाद सिंह ने पुनपुन प्रखंड के आरओबी निर्माण में मंत्री की उत्तर से अंसतुष्ट होकर कहा कि अधिकारी झूठे हैं. जवाब सही नहीं दिया है. सुनील सिंह ने ध्यान दिलाया कि सदन में झूठा या झूठ शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. यह असंसदीय है. सदन में हंसी के ठहाके तब फूटे जब किसी ने कहा कि लगता है कि आपने इस पर रिसर्च किया है. सभापति ने भी इस पर अच्छी खासी चुटकी ली. अंग्रेजी का एक फ्रेज का उच्चारण करते कुछ कहा. सुनील सिंह भी कहां मानने वाले थे, कुछ देर बाद ही उन्होंने महेश्वर सिंह को टोक दिया. महेश्वर सिंह गन्ना को स्थानीय उच्चारण में गान्ना बोल रहे थे. सुनील सिंह ने कहा कि देखिये ये गन्ना को गाना कह रह हैं. सभापति ने उन्हें कहा कि स्थानीय लोग उसे वही कहते हैं , जो महेश्वर सिंह कह रहे हैं. महेश्वर सिंह ने चुटकी ली कि अभी यह ऐसे ही बेचैन रहेंगे. सभी लोग एक बार फिर हंस पड़े.

अचानक परिषद पहुंची शीला मंडल और फिर

इधर , विधायक शीला मंडल कार्यवाही के दौरान अचानक परिषद में पहुंची. सदन में मंत्रियों वाली सीट पर बैठ गयीं. सदन के सभी सदस्य एक दूसरे को देख रहे थे. इससे पहले कि कोई टोकता, वे समझ गयीं कि उनसे गलती हो गयी है. उठ कर वह चली गयीं. सदन के एक सदस्य ने कहा कि लगता है कि वह समझ गयीं. अधिकतर पार्षद हंसते दिखाई दिये.

अपराध दर में बिहार 14वें स्थान पर : बिजेंद्र यादव

प्रति लाख की आबादी पर दर्ज हत्या कांडों की संख्या या अपराध दर के आधार पर हत्या वाले मामले में बिहार देश में 14 वें स्थान पर है. बिहार विधानसभा में दरभंगा के विधायक संजय सरावगी के तारांकित प्रश्न के जवाब में गृह विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में हत्या शीर्ष के अंतर्गत दर्ज कुल कांडों की संख्या के आधार पर बिहार उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है. प्रभारी मंत्री ने स्वीकार किया किया कि देश में वर्ष 2021 में हत्या के अपराध के 29272 मामले दर्ज हुए और 2022 में 28522 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि इस दौरान बिहार में वर्ष 2021 में हत्या के अपराध 2799 और 2022 में 2930 मामले दर्ज किये गये. तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने सदन को बताया कि हत्या परिस्थितिजन्य भी होती है. इसकी समीक्षा करके कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. उन्होंने बताया कि घटना चाहे जब भी हो , तो कार्रवाई निरंतर प्रक्रिया के तहत चलती रहती है और चलती रहेगी. हांलाकि, संजय सरावगी ने सरकार से खासकर जुलाई 2022 से दिसंबर 2022 तक हत्या के अधिक मामले का जवाब मांगा. उनका कहना था कि जुलाई 2022 के बाद राज्य में हत्या के आंकड़े बढ़े हैं. इस पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है.

सीट इधर एलॉट है, देख रहे हैं वे लोग उधर बैठे हैं : भाई वीरेंद्र

विधानसभा में राजद के विधायकों के सत्ता पक्ष में बैठने के मामले को भाई वीरेंद्र से रहा नहीं गया. प्रश्नकाल के दौरान ही उन्होंने आसन का ध्यान आकृष्ट कराया और कहा कि वह आसन को सूचना दे रहे हैं. उन्होंने आसन की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि सदस्य प्रह्लाद यादव का सीट इधर (विपक्ष) में एलॉट है. विधायक नीलम देवी का भी सीट इधर (विपक्ष) एलॉट है. हम देख रहे हैं कि दोनो विधायक उधर (सत्तापक्ष) बैठे हुए हैं. उनलोगों को इधर बैठने के लिए आ जाना चाहिए. इस पर अध्यक्ष ने यह कहते हुए प्रश्न को आगे बढ़ा दिया कि यह कौन सूचना है. मालूम हो कि प्रह्लाद यादव और नीलम देवी राजद की विधायक हैं. एनडीए सरकार के गठन के बाद वह सत्ता पक्ष के साथ हैं.

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