बिहार में अपराध पर लगेगी लगाम, भ्रष्टाचार, नक्सल और एसिड अटैक के मामले गृह विभाग के साप्ताहिक एजेंडे में शामिल
गृह विभाग ने भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े जा रहे अफसरों व कर्मियों पर की जा रही कार्रवाई का डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया गया. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कोर्ट के सामने पेश व आरोप पत्र दायर मामलों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार होगी.
पटना. नये साल में भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई, नक्सल गतिविधियों के खिलाफ अभियान और एसिड अटैक के मामले गृह विभाग की प्राथमिकता सूची में जुड़ गये हैं. इन मामलों को साप्ताहिक विभागीय समीक्षा बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में नये वर्ष को लेकर निर्धारित कार्ययोजना बैठक में पुलिस की जरूरतों से लेकर भूमि विवाद सहित कई मसलों पर विस्तृत चर्चा की गयी.
भ्रष्टाचार में पकड़े गये अफसरों पर हुई कार्रवाई का तैयार होगा डाटाबेस
बैठक में भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े जा रहे अफसरों व कर्मियों पर की जा रही कार्रवाई का डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया गया. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कोर्ट के सामने पेश व आरोप पत्र दायर मामलों की अलग-अलग रिपोर्ट तैयार होगी. आर्थिक अपराध इकाई को कोर्ट के समक्ष ट्रायल के लिए पेश किये गये मामलों की मासिक रिपोर्ट देने को कहा गया. इसके अलावा गैर कानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत दर्ज मामलों और सांप्रदायिक मामलों में कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत वादों का भी डाटाबेस तैयार करने का निर्देश दिया गया.
एसिड अटैक मामलों की डीएम-एसपी से मांगी संयुक्त रिपोर्ट
बैठक में पुलिस बलों के लिए जरूरी वाहन, उपकरण व हथियारों की भी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया. गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिलों के डीएम और एसपी से वर्ष 2016 के पहले और उसके बाद हुए एसिड अटैक के मामलों की संयुक्त रिपोर्ट मांगी है. इसमें प्रधानमंत्री राहत कोष तथा राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे का भी उल्लेख करने को कहा गया है. अभियोजन निदेशालय के सहयोग से पीड़िता को मिल रही सहायता और कानूनी कार्रवाई से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट भी तैयार करने को कहा गया है.
Also Read: बिहार सहित तीन राज्यों से सांसद चुने जाने वाले पहले राजनेता थे शरद, पहली बार 1974 में बने सांसद
बिप्रसे के छह अधिकारी करेंगे भू-समाधान पोर्टल पर दर्ज मामलों की मॉनीटरिंग
जमीन विवाद के मामलों की मॉनीटरिंग व फॉलोअप का दायित्व विभाग में पदस्थापित बिहार प्रशासनिक सेवा के छह पदाधिकारियों को दिया गया. निर्देश दिया गया कि भू-समाधान पोर्टल में दर्ज मामलों में से संवेदनशील या अति संवेदनशील मामलों में संबंधित डीएम के समन्वय से धारा 107/144 की कार्रवाई सुनिश्चित करायें. इस पोर्टल के समुचित उपयोग को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव और मुख्य सचिव के साथ एक एसओपी तैयार करने पर भी निर्णय लिया गया.