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रिश्तों में दरार: पटना में छोटी-छोटी बातों पर तकरार… थाने में भटक रहा प्यार   

शहर में महिला प्रताड़ना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. घरेलू हिंसा और महिला प्रताड़ना से जुड़ी करीब 8-10 मामले हर रोज आ रहे हैं. इनमें से अधिकांश मामले का निष्पादन महिला थाना, महिला हेल्पलाइन और काउंसलिंग द्वारा की जा रही है

जूही स्मिता@पटना
रिश्तों में दरार पिछले कुछ महीनों में महिला हेल्पलाइन और महिला थाने में घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं. हर दिन यहां पर आठ से दस मामले आते हैं. इन मामलों में काउंसेलिंग के दौरान दो बातें सामने आ रही हैं. पहला- ‘पति का किसी दूसरी महिला के साथ रिलेशनशिप’ और दूसरा ‘पूर्व प्रेमिका’ . ऐसे में जब इसकी जानकारी पत्नी को होती है, तो वह अपने पति से सवाल करती है. जिसका नतीजा लड़ाई-झगड़े के साथ मारपीट तक पहुंच जाती है. जबकि कई ऐसे मामले भी आते हैं, जिसमें विवाद का कोई आधार तक नहीं होता. इसके बाद भी दोनों पक्ष एक-दूसरे पर कई प्रकार के आरोप लगाते हैं.

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वहीं कुछ मामलों में परिवार के लोगों द्वारा ही छेड़छाड़, पति द्वारा मारपीट जैसे मामलों में पुलिस तुरंत केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू करती है. इसके अलावे पोक्सो और यौन शोषण से संबंधित सभी मामलों में फौरन केस दर्ज कार्रवाई की जाती है. महिला हेल्पलाइन की काउंसेलर ने बताया कि इन दिनों घरेलू हिंसा के मामलों के साथ-साथ साइबर क्राइम के मामले भी बढ़े हैं. घरेलू हिंसा के आवेदन पर जब दोनों पक्षों को बुलाकर काउंसेलिंग की जाती है, तो पति का पूर्व प्रेमिका के साथ अफेयर और ऑफिस में रिलेशनशिप का पता चलता है. काउंसेलिंग के दौरान दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद उन्हें कानून से जुड़ी जानकारी देने के साथ इससे जुड़ी सजा के बारे में बताया जाता है.

 कई मामलों में अहंकार भी करा रहा विवाद
पति पत्नी के बीच होने वाले कई मामलों में देखा गया है कि विवाद और झगड़ा का कारण इगो है. अगर दोनों नौकरी में हैं, तो इगो का लेवल थोड़ा हाइ रहता है. ऐसे में छोटी-छोटी बातों पर समझौता करने के बजाये दोनों विवाद को बड़ा रूप देते हैं. ऐसे में रिश्तों में खटास बढ़ती जाती है और फिर एक दिन पूरा मामला घरेलू हिंसा में बदल कर थाना पहुंच जाता है. कई बार पति-पत्नी के इगो के कारण परिवार बिगड़ने की स्थिति में पहुंच जाता है और नौबत तलाक तक पहुंच जाती है, या फिर लोग अपनी जिंदगी को ही समाप्त कर लेने की धमकी देते हैं.

महिलाओं के खिलाफ हिंसा में 19.7 प्रतिशत की वृद्धि

बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में महिलाओं के खिलाफ किए गए अपराधों में 19.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. सरकार की वन-स्टॉप सेंटर योजना के तहत कई महिलाएं संबंधित मामला दर्ज कराने के लिए आगे आ रही हैं. यह योजना अप्रैल 2016 में सभी 38 जिलों में शुरू की गयी थी, ताकि निजी और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को सहायता प्रदान की जा सके. महिलाओं को पुलिस, चिकित्सा, कानूनी सहायता सहित कई प्रकार की सेवा प्रदान की जा सके. वहीं आंकड़ों की बात करें तो आंकड़ों के मुताबिक दर्ज किये गये कुल 7,292 मामलों में से, महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित 6,301 मामलों का निपटारा किया गया. 2021-22 में सभी मामलों में, 4,889 के साथ घरेलू हिंसा के लिए पंजीकरण सबसे अधिक है, इसके बाद दहेज उत्पीड़न (787), यौन उत्पीड़न (116), दूसरी शादी (81), मोबाइल व साइबर संबंधित अपराध (59), बाल विवाह (24), कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (22), मानव तस्करी (12), दहेज मृत्यु (5) और अन्य (1,297). 2021-22 में, 86% पंजीकृत मामलों का निपटारा किया गया.

एक दूसरे पर विश्वास करेंगे, तो नहीं टूटेगा रिश्ता

समाजशास्त्री प्रो रणधीर कुमार सिंह कहते हैं, रिश्तों को मजबूत रखने के लिए विश्वास होना बहुत जरूरी होता है. इसलिए आप एक दूसरे पर पूरा विश्वास रखें. कई बार लोगों को अपने पार्टनर पर शक होने लगता है. ऐसा होने पर उन दोनों के बीच में मनमुटाव होते हैं और उनके रिश्ते में खटास आने लगती है. इससे बचने के लिए आप शांतिपूर्वक अपने पार्टनर से बात करें, जांच-पड़ताल कर सकते हैं. लेकिन शक करना इसका समाधान नहीं होगा, ऐसा करने पर आपका रिश्ता टूट सकता है. पहले के समय में शादी लंबी चलती थी, इसका एक कारण महिलाओं को घर पर रहने के साथ आपसी सामंजस्य बनाये रखना भी था. उस समय में महिलाएं धार्मिक भावना व परंपराओं से जुड़कर रहना ज्यादा पसंद करती थीं. यहीं वजह थी कि वे अपने पति को सम्मान देती थीं. आज की महिलाएं स्वतंत्र हो गयी हैं और सारा निर्णय खुद से ले रही हैं. कहीं न कहीं वेस्टर्न कल्चर की वजह से भी रिश्तों में दूरिया आ रही हैं. इसके अलावा टीवी शो, फिल्में और सोशल मीडिया भी इसकी वजह बन रही हैं.– प्रो रणधीर कुमार सिंह, समाजशास्त्री

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