Caste Census पर मोदी सरकार ने दाखिल किया SC में हलफनामा तो भड़के लालू यादव, जीतन राम मांझी ने भी उठाया सवाल
Caste Census Of India: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि जनगणना में सांप-बिच्छू,तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी पेड़-पौधे गिने जायेंगे, लेकिन पिछड़े-अति पिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी. वाह क्या बात है
केंद्र सरकार के जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे के बाद दिल्ली से लेकर बिहार तक सियासी तापमान तेज हो गई है. पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर बड़ा हमला किया है. लालू यादव ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि सरकार का बहिष्कार हो. वहीं कांग्रेस और जीतन राम मांझी ने भी जातिगत जनगणना पर केंद्र के हलफनामे पर सवाल उठाया है.
राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने जातीय जनगणना (Caste Census) को केंद्र के नकारे जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर की है. कहा है कि भाजपा और आरएसएस (RSS) पिछड़ा/अतिपिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा छल कर रहे हैं. अगर केंद्र सरकार जनगणना फार्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़ कर देश की कुल आबादी के 60 फीसदी से अधिक लोगों की जातीय गणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने गये सांसदों व मंत्रियों पर धिक्कार है. ऐसे लोगों का सामूहिक सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए.
राजद (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि जनगणना में सांप-बिच्छू,तोता-मैना, हाथी-घोड़ा, कुत्ता-बिल्ली, सुअर-सियार सहित सभी पशु-पक्षी पेड़-पौधे गिने जायेंगे, लेकिन पिछड़े-अति पिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी. वाह क्या बात है? उन्होंने सवाल उठाया है कि भाजपा (BJP) और आरएसएस के लोगों को पिछड़ों/अति पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों है? जातीय जनगणना से सभी वर्गों का भला होगा. इससे सबकी वास्तविक स्थिति का पता चलेगा.
इधर, हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने जातीय जनगणना मामले में आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिये केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. मांझी ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा दिये गये हलफनामा के आधार पर केंद्र की नीयत को कठघरे में खड़ा किया है. उनका कहना था कि सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना कराने पर सहमति बन गयी थी तो फिर हलफनामा निर्णय के अनुरूप क्यों नहीं दिया गया. हम केंद्र सरकार से फिर अनुरोध करेंगे कि वह एक बार फिर इस पर विचार करें.
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