पटना शहर में भीड़-भाड़ और हेवी ट्रैफिक को देखते हुए पटना मेट्रो लाइन के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कंक्रीट की ढलाई के लिए शहर के बाहर तीन जगहों पर कास्टिंग यार्ड बनाये गये हैं. इनमें दो कास्टिंग यार्ड गंगा नदी के किनारे एलसीटी घाट के पास, जबकि एक अन्य कास्टिंग यार्ड फतुहा में बनाया गया है.
अधिकांश निर्माण कार्य कास्टिंग यार्ड में होता है
पटना मेट्रो के निर्माण की जिम्मेदारी संभाल रही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश निर्माण कार्य कास्टिंग यार्ड में किया जाता है, ताकि प्रीमियम गुणवत्ता वाली संरचनाएं प्रदान की जा सकें और जनता को किसी भी तरह की असुविधा भी न हो.
फतुहा कास्टिंग यार्ड से आइएसबीटी तक बनी सड़क
मेट्रो निर्माण में लगे अधिकारियों के मुताबिक फतुहा के कास्टिंग यार्ड से आइएसबीटी डिपो तक आसानी से सामान की ढुलाई के लिए अलग से एक सड़क का निर्माण भी किया गया है. मालूम हो कि नये पाटलिपुत्र बस स्टैंड के पास ही 30.5 हेक्टेयर जमीन को मेट्रो डिपो के लिए अधिग्रहित किया गया है. इसमें से 19.2 हेक्टेयर जमीन सिर्फ डिपो के लिए होगी जबकि शेष जमीन पर प्रोपर्टी डेवलमेंट का काम होगा.
2025 तक पूरा करने का लक्ष्य
आइएसबीटी डिपो से मलाही पकड़ी तक का कार्य मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. जल्द ही डिपो में वाशिंग प्लांट, स्क्रैप यार्ड, कंट्रोल रूम, रेल स्टोरेज, निरीक्षक शेड, सफाई पिट, रेडियो टावर, सुरक्षा कार्यालय आदि के निर्माण का काम शुरू किया जायेगा.
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खेमनीचक में बदल सकेंगे मेट्रो
पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कोरिडोर में पांच स्टेशन पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल, भूतनाथ, मलाही पकड़ी और खेमनीचक हैं. इनमें खेमनीचक इंटर चेंज स्टेशन है, जहां पर दो कोरिडोर के लिए मेट्रो की अदला-बदली की जा सकेगी.