पटना. सीबीआई को केंद्रीय कर एवं उत्पाद शुल्क (ऑडिट) के गया सर्किल के अधीक्षक अजीत कुमार सिन्हा से पूछताछ में कई तरह की अहम जानकारियां मिली हैं. पूछताछ में सीबीआई को पता चला कि वह लोगों से हजारों रुपये की रिश्वत लेकर सरकार को लाखों रुपये का नुकसान करा रहा था. सीबीआई ने अधीक्षक को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. जिसके बाद पूछताछ में ये खुलासे हुए.
भोजपुर जिले के कुंदन पांडेय की शिकायत पर सीबीआई ने अजीत कुमार को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है. पांडेय को छह लाख 32 हजार 864 रुपये का ऑडिट मीमो मिला था. जिसे अजीत ने दो लाख रुपये लेकर मैनेज करने का वादा किया था. साथ ही बात नहीं मानने पर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी.
जय मां शक्ति ट्रेडर्स के नाम से सीमेंट और छड़ का कारोबार करने वाले कुंदन पांडेय ने आडिट के सारे कागजात अजीत कुमार सिन्हा को कैंप ऑफिस किदवईपुरी पटना में जमा करा दिया था. इसके बाद भी नोटिस उनको जारी हो गया. अधीक्षक सिन्हा से जब इस मामले में मुलाकात की तो उसने कहा कि 6,32,864 रुपये जमा कर बैंक का ब्योरा दे दीजिये. सब ठीक कर दिया जायेगा. आगे आपको कोई दिक्कत नहीं होगी. यदि पैसा नहीं दिया तो परेशानी में पर जाओगे.
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वहीं एक अन्य मामले में सीबीआई ने तीस हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में दानापुर रेल मंडल का गुड्स एवं शेड सुपरवाइजर रजनीकांत राय काम नहीं करने देने और ”वारफेज चार्ज” का डर दिखा कर रिश्वत लेता था. इस्टर्न रेलवे का यह कर्मचारी स्थान शुल्क के नाम पर होने वाली वसूली का मास्टर माइंड था. रेल मैनुअल के तहत पार्सल विभाग की तरफ से प्लेटफाॅर्म और गोदाम में स्थान उपलब्ध कराने के नाम पर वारफेज शुल्क वसूलने की प्रक्रिया है. समय बढ़ने पर यह चार्ज बढ़ जाता है.