NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई (CBI) ने इओयू से जांच अपने हाथ में लेने के करीब महीने भर में आरोपियों को गिरफ्त में लेने के लिए 33 स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है. अपनी कार्रवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी ने 36 लोगों को अपनी गिरफ्त में भी लिया है. सीबीआइ ने अब इस मामले में हो रही जांच की जानकारी देने के लिए आधिकारिक तौर पर बयान जारी किया है और बताया है कि अबतक क्या कार्रवाई की गयी है.
पंकज ने निकलवाया था प्रश्न-पत्र
जांच एजेंसी ने बताया कि सीबीआइ ने पेपर लीक मामले की जांच 23 जून 2024 से प्रारंभ की थी. जांच में यह बात सामने आई कि नीट यूजी-2024 का प्रश्न-पत्र पांच मई की सुबह ओएसिस स्कूल, हजारीबाग से पंकज कुमार उर्फ आदित्य उर्फ साहिल नामक व्यक्ति के द्वारा अवैध रूप से हजारीबाग एनटीए सिटी समन्वयक सह ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एवं ओएसिस स्कूल के केंद्र अधीक्षक, वाइस प्रिंसिपल व एक अन्य सहयोगी की मिलीभगत से पाया गया. पंकज कुमार नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड में से एक है.
आधे जले प्रश्न-पत्रों ने की सीबीआई की मदद
सीबीआइ ने कहा है कि इस मामले में फरार चल रहे पंकज का पता लगाकर उसे गिरफ्तार किया गया. स्कूल के प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल एवं सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया. आधे जले प्रश्न-पत्रों के बरामद किए गए टुकड़ों ने सीबीआइ को एनइइटी परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में मदद की, जहां से यह पेपर लीक हुआ था.
पेटी खोलने और पेपर निकालने के लिए अत्याधुनिक उपकरण का इस्तेमाल हुआ
जांच में यह बात सामने आई कि प्रश्न-पत्र वाली पेटियों को पांच मई को ओएसिस स्कूल में लाया गया और नियंत्रण कक्ष में रखा गया.पेटियां आने के कुछ मिनट बाद, उपरोक्त प्रिंसिपल एवं वाइस प्रिंसिपल ने अनाधिकृत व अवैध रूप से मास्टरमाइंड को उस कमरे में जाने की अनुमति दी, जहां पेटियां रखी गई थी.पेटी खोलने और पेटी से प्रश्न-पत्रों को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किए गए अत्याधुनिक उपकरण भी जांच में जब्त किए जा चुके हैं.
प्रश्न-पत्र को सॉल्वर के माध्यम से हल कराया गया
प्रश्न-पत्र को साल्वर के माध्यम से हल कराया गया. इसके बाद हल किए गए पेपर को कुछ चयनित छात्रों के साथ साझा किया गया जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे. साल्वर मेडिकल के छात्र थे जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है. सीबीआइ के अनुसार आरोपी पंकज ने कुछ अन्य मास्टरमाइंडों के साथ मिलकर इस अपराध को अंजाम दिया, जिनकी पहचान कर ली गई है व उनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले को अपने हाथ में लेने के बाद से अब तक सीबीआई 33 जगहों पर छापेमारी कर चुकी है. इस मामले में अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 15 बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार शामिल हैं. अब तक कई आपत्तिजनक साक्ष्य जुटाए जा चुके हैं. प्रतिदिन के आधार पर जांच जारी है.