रेलवे भर्ती घोटाला में गिरफ्तार किए गए लालू यादव के करीबी भोला यादव की मुश्किलें और बढ़ गई है. मंगलवार को कोर्ट ने भोला यादव की सीबीआई रिमांड को बढ़ाकर अब 5 अगस्त तक कर दिया है. साथ ही इस मामले में गिरफ्तार रेलवे कर्मी हृदयानंद चौधरी को भी 5 अगस्त तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया है. इससे पहले इन दोनों की रिमांड अवधि 2 अगस्त तक थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है. इस मामले में 6 अगस्त को फिर से होगी सुनवाई.
भोला यादव को IRCTC में गड़बड़ी और रेलवे के विभिन्न जोन में बिना रिक्तियां जारी किये ही नौकरी दिये जाने के मामले में सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था. जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 2 अगस्त तक के लिए रिमांड में भेज दिया था जिसे अब 5 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है. भोला यादव लालू-राबड़ी परिवार के सबसे खास माने जाते रहे हैं. 2004 में जब लालू प्रसाद रेल मंत्री बने तो उन्हें आधिकारिक तौर पर रेल मंत्री का ओएसडी नियुक्त किया गया था.
भोला यादव जब लालू यादव के ओएसडी थे उस दौरान हुए रेलवे भर्ती घोटाला की जांच वर्षों तक चली. जिसके बाद सीबीआई ने 20 मई को लालू परिवार के 17 अलग अलग ठिकानों पर छापा मारा था. साथ ही परिवार के कैन अन्य लोगों पर मामला भी दर्ज किया गया था. इसके बाद 27 जुलाई को भोला यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. उसी दिन सीबीआई ने भोला यादव के साथ साथ हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार किया था.
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दरभंगा के बहादुरपुर प्रखंड एक छोटे से गांव कपछियाही से आये भोला यादव वर्ष 1994-95 के बाद के दिनों में लालू-राबड़ी दरबार के दूसरे नंबर के ओहदेदार बन गये थे. पूर्व विधान पार्षद रामानंद यादव के मुंशी के रूप में पटना आये भोला यादव की लालू परिवार में एक सेवक की भूमिका में इंट्री हुई थी. जिसके बाद वो धीरे-धीरे भोला लालू परिवार में आम से खास होते गये. जहां लालू यादव होते थे वहां भोला यादव भी दिखते थे.