सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने हाइकोर्ट के आदेश पर लखीसराय की बालिका विद्यापीठ के सचिव कुमार शरद चंद्र हत्याकांड में बुधवार को आम्रपाली समूह के एमडी, प्रिंसिपल और दो अज्ञात सहित नौ लोगों पर एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. नौ साल पहले हुई हत्या के मामले में आम्रपाली समूह के प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा, बालिका विद्यापीठ की प्रधानाचार्य अनीता सिंह सहित नौ लोगों को आरोपित बनाया है.
इन लोगों को बनाया गया आरोपी
सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए लोगों में आम्रपाली के एमडी अनिल शर्मा और प्राचार्य के साथ ही पछना रोड निवासी डॉ प्रवीण सिन्हा, पंजाबी मोहल्ला निवासी डॉ श्याम सुंदर सिंह, बड़ी दुर्गा स्थान नया बाजार निवासी राजेंद्र संघानिया, लोडिया निवासी शंभू शरण सिंह, राधे श्याम सिंह और दो अज्ञात को आरोपितों को हत्या (आइपीसी 302), एकराय होकर वारदात को अंजाम देना (आइपीसी 34) और आर्म्स एक्ट के सेक्शन 27 के तहत आरोपी बनाया गया है. अनिल को छोड़ कर अन्य नामजद आरोपित लखीसराय निवासी हैं. शरत चंद्र की दो अगस्त, 2014 को लखीसराय में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. उनकी पत्नी ने जमीन विवाद को इस हत्या का कारण बताते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
13 दिसंबर को सीबीआई को मिला था आदेश
पटना हाइकोर्ट के जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने मृतक की पत्नी उषा शर्मा की याचिका पर 12 दिसंबर को शरद चंद्र हत्याकांड की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंपते हुए सीआइडी को दो सप्ताह के भीतर सारे रिकॉर्ड और कागजात सीबीआई को उपलब्ध कराने का आदेश दिया था. सीबीआइ को 13 दिसंबर को कोर्ट का आदेश मिला और 11 जनवरी को केस दर्ज कर सीबीआइ इंस्पेक्टर गौतम कुमार अंशू को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया.
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दो बाइक सवारों ने घर में घुस कर मारी थी गोली
दो अगस्त, 2014 को दो बाइक सवारों ने कुमार शरद चंद्र को घर में घुस कर गोली मार दी थी. पत्नी उषा शर्मा वहां मौजूद थीं. लखीसराय पुलिस ने मामले में कांड संख्या 443/ 2014 दर्ज किया शम्भू शरण सिंह, श्याम सुंदर प्रसाद और राजेंद्र सिंघानिया इसमें नामजद थे. हाइ प्रोफाइल मामला होने के कारण सरकार ने 2014 में ही जांच सीआइडी को दी गयी थी.
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