सीबीएसइ ने 10वीं और 12वीं बोर्ड के मार्क्स में गड़बड़ी को लेकर शिकायत पोर्टल जारी कर दिया है. शिकायतों को दूर करने के लिए जोन स्तर पर एक कमेटी का गठन करना था. इस संबंध में पटना जोन ने मंगलवार को शिकायत दूर करने के लिए कमेटी का गठन कर दिया है. यह कमेटी नयी डिस्प्यूट रिड्रेसल पॉलिसी के तहत काम करेगी. बोर्ड ने रिजल्ट के विवादों को चार टाइप में बांटा है. चारों टाइम में शिकायत करने के लिए अंतिम तिथि अलग-अलग निर्धारित की गयी है.
कमेटी में चार लोग हैं शामिल- पटना जोन में बिहार व झारखंड के स्कूल आते हैं. इन दोनों राज्यों के स्कूलों व स्टूडेंट्स के रिजल्ट संबंध समस्याओं को रीजनल ऑफिस पटना दूर करेगा. कमेटी में सिटी को-ऑर्डिनेटर डॉ राजीव रंजन सिन्हा, असिस्टेंट सेक्रेटरी (एग्जाम) सीबीएसइ पटना विजय प्रकाश पुरोहित, केंद्रीय विद्यालय बेली रोड के प्राचार्य पीके सिंह व संत कैरेंस हाइ स्कूल गोला रोड की प्राचार्या सीमा सिंह शामिल हैं.
कमेटी की जिम्मेवारी होगी कि वो टाइप दो और टाइप तीन के रिजल्ट संबंधित सभी डिस्प्युट को पारदर्शिता से सॉल्व करें. कमेटी को बोर्ड की पॉलिसी के तहत शिकायतों को सुलझा कर उनकी रिपोर्ट बोर्ड को तय सीमा के अंदर भेजनी है. स्कूल को भी इसकी जानकारी दी जायेगी. टाइप वन की शिकायत बुधवार तक होगी. इसके बाद टाइप 2 की शिकायत 11 से 14 अगस्त, टाइप 3 की शिकायत 10 से 12 अगस्त तक की जा सकती है. कमेटी टाइप 2 के लिए शिकायत को 12 से 16 अगस्त, टाइप 3 का 11 से 14 अगस्त के बीच निबटारा करेगी.
बोर्ड ने अलग-अलग टाइम में बांट दिया शिकायत को- टाइप 1 और 2 सीबीएसइ द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, रिजल्ट कमेटी ने परिणाम तैयार किये हैं और बोर्ड की वेबसाइट पर कंप्यूटेशन के लिए अपलोड किया. अगर स्टूडेंट उन्हें मिले मार्क्स से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे अपने स्कूल प्रिंसिपल को उनका रिजल्ट वेरिफाई कराने के लिए कह सकते हैं.
टाइप 3 – स्टूडेंट द्वारा अप्लाई किये बिना ही अगर रिजल्ट कमेटी को खुद लगता है कि उनसे कैलकुलेशन या अपलोडिंग या अन्य कोई गलती हुई है तो, उसमें रिजल्ट कमेटी सुधार कर सकता है.
टाइप 4 – रिजल्ट तैयार करने की पॉलिसी को लेकर विवाद. यह पॉलिसी सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत है. अगर किसी को पॉलिसी को लेकर समस्या है, तो वह टाइप-4 कैटेगरी में आयेंगे.
कमेटी जांच करेगी गड़बड़ी को- टाइप 3- स्कूल एसआरएसआर के जरिये रीजनल ऑफिस को रिक्वेस्ट भेजेंगे. रिक्वेस्ट में टाइप-3 सेलेक्ट करेंगे, जिसका मतलब होगा मार्क्स का गलत कंप्यूटेशन या रिजल्ट अपलोडिंग में गड़बड़ी हुई है. एक कमेटी इसकी जांच करेगी, जिसमें ये चार लोग होंगे.