केंद्र ने मनरेगा और आजीविका मिशन के लिए दिये 1312 करोड़

इच्छुक लोगों से आवेदन लेकर निर्धारित समय सीमा के अंदर जॉब कार्ड दें : श्रवण कुमार

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2024 12:06 AM
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इच्छुक लोगों से आवेदन लेकर निर्धारित समय सीमा के अंदर जॉब कार्ड दें : श्रवण कुमार संवाददाता,पटना केंद्र ने त्योहार से पहले राज्य सरकार को बड़ी सौगात दी है. केंद्र सरकार ने मनरेगा और आजीविका मिशन के लिए राज्य सरकार को कुल 1312 करोड़ जारी किया है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने केंद्र से मनरेगा योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए तीसरी किस्त के केंद्रांश मद में प्रप्त 790 करोड़ सभी जिलों के लिए जारी कर दिया है.यह राशि पिछले आठ अक्तूबर को जारी की गयी ताकि मनरेगा मजदूर भी त्योहार मना सकें. उन्होंने बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य आजीविका सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ-साथ टिकाऊ परिसंपत्ति का सृजन कर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है.वहीं,जीविका योजना के लिए भी राज्य के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में संचालित जीविका के हजारों स्वयं सहायता समूहों को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में द्वितीय किस्त के रूप में 522 करोड़ की राशि जारी की गयी है.यह राशि स्वयं सहायता समूहों को चक्रीय निधि और सामुदायिक निवेश निधि के तहत दी की जायेगी. इसका उपयोग समूह सदस्यों द्वारा कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, लघु उद्योग, और अन्य जीविकोपार्जन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जायेगा. श्रवण कुमार ने कहा कि यह योजना बिहार के ग्रामीण जनता को रोजगार मुहैया कराने का प्रमुख साधन है.उन्होंने इसी संबंध में सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए विशेष तैयारी करें और जॉब कार्ड बनाने के इच्छुक लोगों से आवेदन प्राप्त कर निर्धारित समय -सीमा के अंदर जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जाए. राज्य में 10.63 करोड स्वयं सहायता समूह ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि जीविका के तहत, विभिन्न जिलों में 10 करोड़ 63 लाख स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है. इनसे एक करोड़ 34 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं.लगभग छह हजार स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बैंक सखी बनकर ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय सुविधाएं मुहैया करा रही हैं.समूहों के माध्यम से महिलाएं ना केवल आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं, बल्कि सामुदायिक विकास में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं. इस वित्तीय सहायता के परिणामस्वरूप, राज्य के विभिन्न जिलों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

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