अग्निवीर योजना तत्काल वापस ले केंद्र : दीपंकर

भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने ‘अग्निवीर’ योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की है.पटना में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ शुरू से ही अग्निवीर योजना को खत्म करने की मांग कर रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 9, 2024 12:47 AM

संवाददाता, पटना भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने ‘अग्निवीर’ योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की है.पटना में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ शुरू से ही अग्निवीर योजना को खत्म करने की मांग कर रहा है. हम केंद्र से इसे तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं क्योंकि यह भेदभावपूर्ण और अनुचित है. हमारी पार्टी भी शुरू से ही इस योजना का विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि देश में जाति जनगणना/सर्वेक्षण की आवश्यकता है. इससे सरकार को उन लोगों (जातियों) की पहचान करने में मदद मिलेगी जो आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं. हम एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में जाति जनगणना/सर्वेक्षण की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने के लिए दबाव डालेंगे. बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने की पार्टी की मांग पर उन्होंने कहा कि कि केंद्र की राजग सरकार को बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजग की सरकार में जदयू और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की बड़ी भूमिका है, लेकिन राजग की बैठक में नीतीश कुमार ने जिस प्रकार की बातें कहीं, वह बहुत ही चिंताजनक है. हम उम्मीद करते हैं कि जदयू अपने मुद्दों पर डटा रहेगा. उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और जाति जनगणना को लेकर नीतीश कुमार को मोदी की गारंटी लेनी चाहिए थी, लेकिन पता नहीं नीतीश कुमार इस पर क्या करेंगे? बिहार के विभिन्न इलाकों में लोकप्रिय भोजपुरी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देने की पार्टी की मांग पर भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा सरकार को भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की हमारी मांग पर विचार करना चाहिए. दुनियाभर में लोकप्रिय यह भाषा बिहार के भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सारण, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, जहानाबाद और झारखंड के कई इलाकों में गहराई से व्याप्त है. उन्होंने कहा कि केंद्र से भोजपुरी को तुरंत आधिकारिक भाषा का दर्जा देने को कहा.

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