बिहार के मुजफ्फरपुर में पिछले दिनों मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने गये कई लोगों की आंखों की रोशनी खत्म हो गयी वहीं लापरवाही के कारण कई मरीजों के आंख तक निकालने पड़ गये थे. अब केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार को यह निर्देश दिया है कि मोतियाबिंद के लिए किसी भी शिविर के आयोजन की अनुमति बिना जांच के नहीं दें.
बिहार में अब मनमाने तरीके से मोतियाबिंद का शिविर नहीं लग सकेगा. शिविर लगाने की अनुमति अब तब ही मिलेगी जब शिविर स्थल और ऑपरेशन से जुड़े यंत्रों की पूरी जांच कर ली जाएगी. इसके बगैर मोतियाबिंद के शिविर आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी. आयोजक को शिविर लगाने से पहले स्वास्थ्य विभाग से इसकी अनुमति लेनी होगी. आयोजन स्थल और मशीनों का भौतिक सत्यापन होगा, उसके बाद ही इसे हरी झंडी मिलेगी.
दरअसल, हाल में ही मुजफ्फरपुर में एक ट्रस्ट के द्वारा संचालित अस्पताल में मोतियाबिंद के लिए शिविर का आयोजन किया गया था. लेकिन जिन मरीजों ने उस अस्पताल में ऑपरेशन कराया उनमें 26 लोगों के आंखों की रोशनी चली गयी थी. यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा था. कई मरीजों की आंखें तक निकालनी पड़ गयी थी. जांच में पाया गया था कि ये अस्पताल की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ था. इनफेक्शन के कारण सभी मरीजों को रोशनी गंवानी पड़ी थी.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरपुर की घटना को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लेते हुए बिहार सरकार को इसे लेकर पत्र लिखा है. यह निर्देश दिया गया है कि शिविर के आयोजन से पहले वहां जगह और मशीनों की अच्छी तरह जांच जरुर करें. ताकि ऐसी घटना फिर ना हो. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सूबे के सभी सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर यह आदेश दिया है कि किसी भी मोतियाबिंद शिविर का आयोजन बिना भौतिक जांच के नहीं होने दें.
Posted By: Thakur Shaktilochan