बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के कारण संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान बिहार सहित देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हुई. जिसके बाद राज्य सरकार ने ऑक्सीजन के लिए कई ताबड़तोड़ फैसले लिए. वहीं केंद्र सरकार से भी ऑक्सीजन की मांग की गई. बिहार सरकार ने केंद्र के सामने जितनी मांग रखी थी उस मुकाबले बिहार का ऑक्सीजन कोटा बेहद कम तय किया गया. केंद्र सरकार ने बिहार के लिए 164 टन ऑक्सीजन का कोटा तय किया है.
बिहार में अब रोजाना 194 टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों से आएंगे. केंद्र ने बिहार के लिए इतना ही कोटा तय किया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य एवम परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. पत्र के अनुसार, बिहार को अपने उत्पादन के अलावा झारखंड और बंगाल से ऑक्सीजन सप्लाई किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार ने बढ़ते संक्रमण और आगे आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र से 300 टन ऑक्सीजन के कोटे की मांग की थी. बिहार को राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और बंगाल से कम कोटा मिला है. केंद्र के पत्र के अनुसार, बंगाल को 308 टन, राजस्थान को 245 टन, उत्तर प्रदेश के लिए 798 टन तो मध्य प्रदेश के लिए 643 टन ऑक्सीजन का कोटा तय किया गया है. जबकि बिहार के लिए 194 टन का आवंटन किया गया.
वहीं भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के प्रयास और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद बिहार का रोजाना का यह कोटा तय किया गया है. उन्होंने कहा कि देश के कइ हिस्सों में ऑक्सीजन की किल्लत उसके परिवहन के लिए टैंकर की कमी की वजह से हुई है. राज्य और केंद्र सरकार टैंकर की कमी को दूर कर रही है.
Posted By: Thakur Shaktilochan