बिहार को केंद्र दे रहा भरपूर विशेष सहायता, विशेष राज्य का दर्जा नीतिगत मामला: निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार को भरपूर विशेष सहायता दी जा रही है. जहां तक विशेष राज्य के दर्जा की बात है तो यह एक नीतिगत मामला है.
संवाददाता,पटना केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बिहार को भरपूर विशेष सहायता दी जा रही है. वर्ष 2015 में बिहार के लिए एक पैकेज घोषणा की गयी थी और 1.25 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया था. इस पैकेज की राशि सभी क्षेत्रों के लिए दी गयी है. जहां तक विशेष राज्य के दर्जा की बात है तो यह एक नीतिगत मामला है. मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री भाजपा मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि वित्त आयोग की अनुशंसा पर बिहार को वर्ष 2004 से 2014 के बीच 2.04 लाख करोड़ मिला था, जबकि 2014 से 2024 के बीच यह राशि बढ़कर 7.04 लाख करोड़ हो गयी है. यानी मोदी सरकार में साढ़े तीन गुना अधिक राशि दी गयी है. वहीं, यदि बात ग्रांट्स की करें तो यूपीए सरकार के 10 साल की अवधि में बिहार को 75 हजार करोड़ दी गयी थी जो मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में बढ़कर 2.80 लाख करोड़ हो गयी है. जंगल राज के कारण बिहार आर्थिक रूप से पिछड़ गया था केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में जंगलराज के कारण राज्य की न केवल विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी बल्कि आर्थिक रूप से भी बिहार पिछड़ गया था. जंगल राज के कारण बिहार की प्रति व्यक्ति आय 21282 रुपये से कम होकर 14209 रुपये रह गयी थी. इससे बिहार को निकालने के में एनडीए सरकार को काफी मेहनत करनी पड़ी. उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि जब जंगलराज का दौर आया तो प्रति व्यक्ति आय ओडिशा से ज्यादा थी. 1991 में ओडिशा की प्रति व्यक्ति आय 20591 रुपये थी और बिहार में 21282 रुपये थी. जंगल राज शुरू होने के बाद बिहार में 33 फीसदी की गिरावट आयी जबकि ओडिशा में 31 प्रतिशत बढोतरी हुई. वित्त मंत्री ने बताया कि 2002 में बिहार में कम होकर 14209 तक पहुंच गया. 2002 के बाद 2019 में प्रति व्यक्ति आय 37 हजार से ज्यादा लाया गया. निर्मला सीतारमण ने कहा कि यदि 1991 से विकास दर पांच फीसदी की दर से भी गणना की जाये तो अभी बिहार की प्रति व्यक्ति आय आज 90 हजार से अधिक होती. कांग्रेस की फ्रेट इक्वलाइजेशन पॉलिसी के कारण बिहार से बढ़ा पलायन वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की सोची समझी नीति के कारण बिहार को पिछड़ा रखा गया है. कांग्रेस की फ्रेट इक्वलाइजेशन पॉलिसी के कारण बिहार से बढ़ा पलायन और उद्योग धंधे विकसित नहीं हो सके. दरअसल बिहार में प्रचुर मात्रा में खनिज होने का लाभ इस नीति को नहीं मिला. खनिज की कीमत जो खनन स्थल पर थी, वहीं दूसरे विकसित राज्यों में भी. एनडीए की सरकार में सम्मान और विकास दोनों की बात की जाती है वित्त मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि इंडी गठबंधन वाले मुसलमानों को पूरा आरक्षण देने की बात करते हैं जबकि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है. कर्नाटक में मुस्लिम वर्ग को एससी, एसटी, ओबीसी का काट कर आरक्षण दिया गया. जबकि, प्रधानमंत्री मोदी का मूलमंत्र सबका विकास है. उन्होंने कहा कि आज हम 2047 के विकसित भारत को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, इसमें पूर्वोत्तर के राज्य इंजन बनेंगे. उन्होने जोर देकर कहा कि एनडीए की सरकार में सम्मान और विकास दोनों की बात की जाती है. मौके पर असम के मंगलादोई के सांसद दिलीप साकिया, राष्ट्रीय महामंत्री ऋतुराज सिन्हा और महामंत्री जगन्नाथ ठाकुर आदि उपस्थित थे.
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