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कइलीं बरितया तोहार हे छठी मइया.., आस्था की अंजूरी से व्रतियों ने भगवान भास्कर को दिया अर्घ

आठ ही काठ के ओठरिया है दीनानाथ,...कइलीं बरितया तोहार हे छठी मइया, जैसे पारंपरिक गीतों के बीच आस्था व विश्वास की अंजूरी से चैती छठ व्रतियों ने रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पित किया. शहर व गांवों से भक्तों की भारी भीड़ गंगा तट पर अर्घ अर्पित करने के लिए जुटी थी.

By Anand Shekhar | April 14, 2024 9:23 PM

Chaiti Chhath: लोक आस्था और सूर्य उपासना के पर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को राजधानी पटना सहित आसपास के इलाके में गंगा नदी से लेकर विभिन्न तालाबों और घर की छतों पर लाखों चैती छठ व्रतियों ने पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ दिया और और परिवार के लिए सुख-समृद्धि और पुत्र के दीर्घायु होने की कामना की. वहीं सांध्य अर्घ को लेकर पटना के गंगा घाटों पर व्रतियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. गंगा घाट से लेकर शहर के विभिन्न तालाबों पर लोगों ने भगवान भास्कर को अर्घ दिया.

शहर में केलवा जे फरेला घवद से…, ओह पर सुगा मेड़राय…, आदित लिहो मोर अरगिया.., कांच ही बास के बहंगिया बहंगी लचकत जाये जैसे लोकप्रिय छठ लोक गीतों से पूरा माहौल छठमय हो गया. गंगा घाटों और तालाबों पर पहुंचने का सिलसिला दोपहर तीन बजे से शुरू हो गया था. व्रती और उनके परिजनों ने अस्ताचलगामी सूर्य को शाम 6.19 मिनट से अर्घ्य देना शुरू कर दिया और फिर देर शाम तक लोग अपने घरों को लौटते रहे. सोमवार की सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ अर्पित करेंगे और पारण के साथ महापर्व पूरा हो जायेगा. वहीं जिला प्रशासन की ओर से व्रतियों की सुविधा के लिए घाटों तक पहुंच पथ और चेंजिंग रूम तैयार किया गया.

उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ होगा व्रत का समापन

इसके पहले व्रतियों ने शनिवार की शाम खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था. पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ देने के साथ ही चैती छठ व्रतियों का व्रत संपन्न हो जायेगा. इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर पारण करेंगे. उषा अर्घ के लिए सुबह 5.40 मिनट के बाद सूर्योदय का समय है.

उदीयमान सूर्य को अर्घ देने से यश, बल व बुद्धि

ज्योतिषी राकेश झा के मुताबिक जल में रक्त चंदन, लाल फूल, इत्र के साथ ताम्रपात्र में आरोग्य के देवता उदीयमान सूर्य को अर्घ देने से आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है. स्थिर व महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सूर्य को दूध का अर्घ देना चाहिए. कलयुग के प्रत्यक्ष देवता सूर्य को जल में गुड़ मिला कर अर्घ देने से पुत्र और सौभाग्य का वरदान व कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं.

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घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

चैती छठ पर्व को लेकर पटना के घाटों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी है. इस बीच गंगा नदी, तालाब और छतों पर छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे.

घाटों पर उमड़े श्रद्धालु, सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम

रविवार को चैती छठ के संध्या अर्घ में अशोक राजपथ स्थित गांधी घाट, कृष्णा घाट, काली घाट, पटना कॉलेज घाट, कलेक्ट्रिएट आदि घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ दिया. सभी घाटों पर जिला प्रशासन की तरफ से नियंत्रण कक्ष बनाये गये थे. इसके अलावा 10-15 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम भी घाट पर मौजूद थी.

श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य सुविधा के लिए मेडिकल टीम हर घाट पर थी. घाट पर दोपहर बाद तीन बजे से ही लोग आने लगे थे. ऐसे में दोपहर तीन बजे के बाद गांधी मैदान से अशोक राजपथ जाने वाली एक लेन पर भारी वाहनों की इंट्री बंद कर दी गयी थी, ताकि श्रद्धालुओं को परेशानी न हों.

  • कलेक्ट्रिएट घाट : घाट पर शाम का अर्घ देने के लिए करीब 15 हजार से अधिक श्रद्धालु पहुंचे. घाट पर जाने के लिए छठ व्रतियों को करीब डेढ़ किलोमीटर पैदल चल कर जाना पड़ा. घाट पर प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे.
  • गांधी घाट : अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ अर्पित करने के लिए 10 से 15 हजार श्रद्धालु पहुंचे. घाट पर मेडिकल टीम के साथ एंबुलेंस के अलावा 26 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम भी थी. घाट की निगरानी के लिए 8 सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये थे.
  • कृष्णा घाट : नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार कृष्णा घाट पर 5 हजार से अधिक श्रद्धालु अर्घ देने पहुंचे थे. आठ सीसीटीवी कैमरे के साथ जिला प्रशासन की मेडिकल टीम भी मौजूद थी. घाट किनारे एनडीआरएफ की टीम के साथ 4 सदस्य जिला प्रशासन की टीम नाव के साथ मौजूद थी.
  • काली घाट : काली घाट पर पर करीब पांच हजार की संख्या में श्रद्धालुओं ने अर्घ दिया. घाट पर 8-10 एनडीआरएफ की टीम भी मौजूद थी. स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक एम्बुलेंस व मेडिकल टीम भी मौजुद थी.
  • पटना कॉलेज घाट : पटना कॉलेज घाट पर 10 से 15 हजार की संख्या में श्रद्धालु मौजूद दिखे. घाट पर दोपहर बाद तीन बजे से ही छठ व्रतियों का आना शुरू हो गया था. प्रशासन की तरफ से गोताखोर के साथ 5 सदस्यीय टीम तैनात थी.

डीएम व एसएसपी ने घाटों पर व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण  

डीएम शीर्षत कपिल अशोक व एसएसपी राजीव मिश्रा ने चैती छठ महापर्व के संध्या अर्घ के अवसर पर दीघा घाटों पर पहुंच कर व्यवस्थाओं को देखा. उन्होंने घाट किनारे बने नियंत्रण कक्ष के साथ ट्रैफिक मेनेजमेंट, विधि-व्यवस्था का निरीक्षण किया. छठव्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए सभी घाटों पर उत्कृष्ट प्रशासनिक प्रबंध पर संतुष्ट दिखे.

डीएम ने सभी मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारियों को मुस्तैद रहने का निर्देश दिया.उन्होंने कहा कि सोमवार की सुबह अर्घ के बाद वापस जाने के लिए भीउ़ एकसाथ निकलेगी. इसलिए सुरक्षा के साथ ट्रैफिक पर विशेष चौकसी बरतने को कहा गया.सेक्टर पदाधिकारियों के नेतृत्व में घाटों पर प्रशासनिक तंत्र सक्रिय रहे.

एसडीओ व एसडीपीओ द्वारा इसकी मॉनिटरिंग की गयी. घाटों पर रोशनी, स्वच्छ पेयजल, शौचालय आदि की बेहतर व्यवस्था की गयी है. घाट किनारे मानकों के अनुरूप बैरिकेडिंग की गयी है. पार्किंग की भी काफी अच्छी व्यवस्था है. घाटों के यथासंभव नजदीक पार्किंग का प्रबंध किया गया है. घाटों पर ध्वनि विस्तारक यंत्र से लगातार उद्घोषणा की जा रही है. नदी में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ टीम के द्वारा निगरानी होती रही. मार्गों, घाटों एवं रिवरफ्रंट पर सीसीटीवी कैमरा से निगरानी की गयी. ताकि छठव्रतियों एवं श्रद्धालुओं को कोई असुविधा नहीं हो.

उदीयमान सूर्य को अर्घ के साथ छठ का समापन आज

शाम के समय अर्घ अर्पित करने के लिए अनुमंडल के गंगा घाटों पर व्रतियों की सबसे अधिक भीड़ गायघाट, खाजेकलां घाट, भद्र घाट, महावीर घाट,सीढ़ी घाट, आदर्श घाट, गुरु गोविंद सिंह घाट, किला रोड घाट, पत्थर घाट के साथ अन्य घाटों पर थी. चैती छठ व्रतियों की सुविधा के लिए घाटों पर प्रशासन के स्तर पर भी तैयारी की गयी थी. पानी में बैरिकेडिंग, चेजिंग रूम व वाच टावर के साथ पुलिस पदाधिकारी और दंडाधिकारी की तैनाती थी.

गंगा तट पर संगठनों की ओर से भी सहयोग किया जा रहा था. महेंद्रू के बालू घाट गंगा तट पर स्थित श्री गौरी शंकर व सूर्य नारायण मंदिर भी चैती छठ को लेकर धार्मिक अनुष्ठान शैलेंद्र कुमार सिंह,गणोश कुमार की देखरेख में हुई.कुछ लोगों ने अपने घर की छतों पर भी परिजनों के साथ अर्घ अर्पित किया. सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ देने के साथ ही व्रत का समापन हो जायेगा.

किन्नरों ने भी रखा चैती छठ व्रत, दिया अर्घ

किन्नरों ने भी चैती छठ का अनुष्ठान किया है. रानीपुर निवासी मुस्कान व जीतू किन्नर और मीना बाजार की बिल्टू किन्नर ने चैती छठ व्रत रखा और व्रत किये किन्नरों के साथ अर्घ अर्पित करने के लिए गंगा घाट पहुंचे. गंगा घाट पर अर्घ अर्पित करने आयी मुस्कान ने कहा कि वह सात वर्षों से चैती छठ का अनुष्ठान कर रही है. जीतू ने बताया कि वह कार्तिक व चैती दोनों ही छठ व्रत करती है. किन्नर समुदाय के लोग खाजेकलां, कंगन घाट व महावीर घाट पर ढोल ताशा के साथ अर्घ अर्पित करने आये थे.

बोले छठ व्रती48 वर्षों से कर रही छठ, सबका हो कल्याण

  • सुनैना मिश्र : मच्छरहट्टा के गोपीनाथ गली निवासी सुनैना मिश्र कहती हैं कि छठी मैया की कृपा से बीते 48 वर्षों से छठ का अनुष्ठान कर रही है. कार्तिक छठ से आरंभ किया अनुष्ठान में चैती छठ करते हुए 25 वर्षो से अधिक हो गया है. छठी मैया सब का कल्याण करे, सुख समृद्धि खुशहाली दे,यही कामना करते हैं.
  • प्रमीला देवी : हरनाहा टोला मुहल्ला में रहने वाली प्रमीला देवी कहती है कि छठ का अनुष्ठान कार्तिक छठ से 25 वर्ष पहले आरंभ किया था. इसके बाद परिवार के लोगों की पहल पर बीते लगभग दस वर्षों से चैती छठ का भी अनुष्ठान आरंभ किया है. छठी मइया की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होता है. व्रत पूरा होने पर सुखद अनुभूति होती है.
  • सुनीता देवी : मौरी गली निवासी सुनीता देवी कहती हैं कि वह बीते 42 वर्षों परिवार की सुख समृद्धि व समाज में शांति व उन्नति की कामना कर कार्तिक व चैती छठ का अनुष्ठान कर रही हैं. छठी मैया की कृपा से जब तक जीवित रहेगी, तब तक व्रत करेंगी. सूर्य भगवान की कृपा है कि इस अवधि में व्रत अब तक नहीं छोड़ा है. पतित पावन गंगा तट पर अर्घ अर्पित करने परिवार, रिश्तेदार व समाज के साथ आती है.

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