Chaiti Chhath 2022: आस्था और सूर्य उपासना के पर्व चैती छठ के तीसरे दिन गुरुवार को व्रतियों ने शाम को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ देने के बाद आज सुबह शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया. इस तरह चैती छठ व्रत 2022 संपन्न हो गया.
कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले दो सालों से चैती छठ के अवसर पर गंगा घाट किनारे कम संख्या में श्रद्धालु पहुंच पा रहे थे. लेकिन, इस बार संक्रमण के कम होने पर प्रशासन की ओर से छठ घाटों पर पूजा को लेकर विशेष इंतजाम दिखे. पटना के दीघा घाट से लेकर काली घाट, पटना कॉलेज घाट, गाय घाट, भद्र घाट, महावीर घाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ दिखी.
चैती छठ पर गुरुवार को अस्ताचलगामी और उदीयमान भगवान सूर्य को पटना के विभिन्न छठ घाटों, अस्थायी तालाबों और घर की छतों पर पानी में खड़े होकर व्रतियों ने अर्घ दिया और परिवार के मंगल, सुख-समृद्धि व पुत्र के दीर्घायु होने की कामना की. आज सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ के बाद पारण के साथ महापर्व का चार दिवसीय अनुष्ठान पूरा हुआ. पटना के दीघा के आधा दर्जन घाट सहित कलेक्ट्रेट, एनआइटी से लेकर लॉ कॉलेज घाट आदि जगहों पर काफी भीड़ दिखी.
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पटना के घाटों की बैरिकेडिंग, लाइटिंग से लेकर वाहनों की पार्किंग आदि तक की प्रशासन की ओर से बेहतर व्यवस्था की गयी थी. घाटों पर वाहन पार्किंग आदि की भी व्यवस्था की गयी थी. व्रतियों ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संतान की कामना और घर-परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य, सुख, खुशहाली की कामना करने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत उत्तम माना गया है.
गुरुवार और शुक्रवार को गंगा किनारे घाटों पर भगवान सूर्य को अर्घ देने के लिए व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी. दीघा घाट, पाटी पुल, मीनार घाट, जनार्दन घाट पर हजारों की संख्या में छठ व्रती पहुंचे. पूजन सामग्रियों से भरे डाला, सूप, चंगेरा, दउरा अपने सिर पर लेकर छठ घाट पर व्रतधारी पहुंचे. घाट किनारे के आसपास के लोग पहुंचे. व्रतियों ने गंगा में उतर कर भगवान सूर्य को अर्घ दिया.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan