बिहार में मंत्री पद के लिए राजद-कांग्रेस में गोलबंदी शुरू, दाेनों दलों में सामने आ रहे कई दिग्गज

राजद में दो सवर्ण मंत्रियों के हटने के कारण सवर्ण विधायकों में मंत्री पद की ललक बढ़ी है. वहीं, कांग्रेस को यदि दो मंत्री पद और मिले तो एक सवर्ण और दूसरा पिछड़ा या अतिपिछड़ा को मौका मिल सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2023 2:26 AM

बिहार में खरमास बाद महागठबंधन सरकार में मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर राजद और कांग्रेस में सरगर्मी बढ़ गयी है. ज्यों-ज्यों खरमास खत्म होने के दिन करीब आता जा रहा है, राजनीति भी तेज होने लगी है. मंत्री पद को लेकर राजद और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में सामाजिक समीकरण की दुहाई दी जा रही है. इसको लेकर जातिगत गोलबंदी भी तेज हो गयी है. राजद में दो सवर्ण मंत्रियों के हटने के कारण सवर्ण विधायकों में मंत्री पद की ललक बढ़ी है. वहीं, कांग्रेस को यदि दो मंत्री पद और मिले तो एक सवर्ण और दूसरा पिछड़ा या अतिपिछड़ा को मौका मिल सकता है.

कांग्रेस में अंग, सारण और मिथिला में रेस

कांग्रेस के बिहार विधानसभा में 19 सदस्य हैं, जबकि विधान परिषद में चार सदस्य हैं. वर्तमान में महागठबंधन में कांग्रेस के दो मंत्री सरकार में शामिल हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि सरकार में उसके दो और मंत्री शामिल किये जाएं. पार्टी की ओर से एक अनुसूचित जाति और एक अल्पसंख्यक वर्ग के सदस्य वर्तमान में सरकार में शामिल हैं. अब कोशिश हो रही है कि एक सवर्ण और एक ओबीसी को सरकार में शामिल किया जाए.

सवर्ण कोटे से जिन नामों को लेकर चर्चा चल रही है उनमें कुछ का संबंध सारण क्षेत्र से है, तो कुछ का अंग प्रदेश से है. मिथिलांचल भी रेस में है. इसी प्रकार ओबीसी कोटे के तहत उत्तर बिहार के एक नेता की चर्चा सबसे अधिक है. जानकारों का यह भी कहना है कि अगर कैबिनेट में एक ही व्यक्ति को शामिल करने की नौबत आयी, तो वह कोटा ओबीसी के खाते में जायेगा.

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राजद कोटे के दो मंत्री पदों के लिए चार दावेदार, कार्तिक सिंह फिर बन सकते हैं मंत्री

राजद कोटे से दो और मंत्री बनने की संभावना है. सुधाकर सिंह और कार्तिक कुमार के छोड़े पद के एवज में दो नये मंत्री बनाये जाने की संभावना है. इसके लिए पार्टी में मुख्य तौर पर कई दावेदार हैं. एमएलसी कार्तिक सिंह अभी भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार बताये जा रहे हैं. एक तो वह कोर्ट के मामले में बेल पर हैं. अनंत सिंह के करीबी होना भी उनकी बड़ी ताकत है.

कार्तिक सिंह के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो हाल ही में विधानसभा उपचुनाव जीतीं अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी भी मंत्री बनने की कतार में हैं. मंत्री पद की रेस में राजद से जुड़े एक बाहुबली नेता की पत्नी और एक एमएलसी का नाम चर्चा में है. सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद राजद से जुड़े राजपूत जाति से किसी विधायक के सिर पर मंत्री पद का ताज आ सकता है.

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