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बिहार में फिर बदला मौसम, तीन दिन के अंदर आंधी-बारिश और वज्रपात होने की आशंका

किसानों को हुआ भारी नुकसान

By Radheshyam Kushwaha | March 8, 2020 8:30 AM

पटना: बिहार में तीन दिन के अंदर आंधी-बारिश और वज्रपात होने की आशंका है. हिमालय के पश्चिमी भाग में विक्षोभ के कारण देश के मैदानी भागों में बारिश हो रही है. शनिवार को राज्य के कई इलाकों में बारिश हुई. रविवार की सुबह पूर्वी बिहार में कोहरा छाया रहा. कोहरे और बारिश के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, सर्द हवाओं ने ठंड बढ़ा दी है. बिहार में रविवार को कहीं-कहीं ओले भी पड़ने की आशंका हैं. पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार रविवार को पटना, गया, भागलपुर एवं पूर्णिया के आसपास के इलाके के आकाश में बादल छाए रहेंगे. इन इलाकों में गरज के साथ जमकर बारिश हो सकती है.

बारिश के बाद राजधानी के वातावरण में ठंड बढ़ सकती है. बिहार में तीन दिन अंदर बारिश, ओलावृष्टि के साथ ही वज्रपात होने की आशंका है. खासकर, दक्षिणी बिहार के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि और वज्रपात की संभावना अधिक है. मौसम विभाग के मुताबिक दोनों विपरीत दिशाओं में उठने वाली तेज हवाओं के कारण पूरा बिहार चक्रवाती जोन में तब्दील हो जायेगा. हालांकि, मौसम विज्ञान विभाग और प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्रों की मदद से किसानों को सतर्क रहने के साथ ही सिंचाई स्थगित करने और फसलों की कटाई में खासतौर पर सतर्कता बरतने को कहा है. वहीं, प्रदेश में अगले दो-तीन दिनों में अधिकतम तापमान गिरने की आशंका जताई गई है.

रात के तापमान में कोई खास बदलाव होने की आशंका नहीं है. इस बीच पटना, गया, भागलपुर और पूर्णिया जैसे मुख्य शहरों का अधिकतम तापमान 29-30.5 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री से 18.8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. इसे इस मौसम का सामान्य तापमान कहा जा रहा है. किसानों पर फिर मौसम की मार पड़ी है. शनिवार को दरभंगा, मधुबनी समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश हो रही है. इससे रबी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. गेहूं, सरसों व आलू को काफी क्षति पहुंची है. आम व लीची के मंजरों को भी नुकसान हुआ है. मुजफ्फरपुर जिले के कांटी, कटरा, बोचहां, पारू, गायघाट, सरैया समेत कुछ अन्य प्रखंडों में काफी नुकसान पहुंचा है. आंधी से फसल खेत में गिर गई है. बेमौसम बारिश व आंधी से किसानों के खेत में लगी फसल को भारी नुकसान हुआ है. प्राकृतिक आपदा से किसानों को सीधे आर्थिक नुकसान हो रहा है.

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