-छठी कक्षा के बच्चे पढ़ेंगे ‘हेल्थ एंड वेलनेस’ व ‘संस्कृति और परंपरा’ का पाठ
– नयी किताब में भारतीय संस्कृति, परंपरा और ज्ञान पर दिया गया है जोर– अंग्रेजी की नयी किताब में विदेशी लेखकों को हटाया, भारतीय परिवेश पर आधारित कहानियों को किया शामिल
अनुराग प्रधान, पटनाएनसीइआरटी छठी कक्षा की अंग्रेजी की किताबों में बदलाव किया गया है. एनसीइआरटी ने नयी किताब को जारी किया है. इसका नाम ‘पूर्वी’ है. नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ)-2023 के तहत यह तैयार किया गया है. नयी किताब में भारतीय संस्कृति, परंपरा और ज्ञान पर जोर दिया है. नयी किताब में ज्यादातर कहानियां भारतीय लेखकों की हैं और वे भारतीय परिवेश पर आधारित हैं. पुरानी किताब में विदेशी लेखकों की कहानियां थीं, जिन्हें हटा दिया गया है. केंद्रीय विद्यालय बेली रोड पीजीटी टीचर एसए खान बताते हैं कि अंग्रेजी के पाठ्यक्रम में भारतीयता को बढ़ावा देने और बच्चों को अपनी संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है. नयी किताब ‘पूर्वी’ में भारतीय लेखक और कवि को जगह दी गयी है. उन्होंने कहा कि टीचर एसए खान बताते हैं कि बच्चे अगर दिनकर की रचनाओं को अंग्रेजी में पढ़ेंगे, तो अपनी सभ्यता के बारे में समझ बढ़ेगी. पाठ्यक्रम में बदलाव करने से बच्चों को पश्चिमी सभ्यता के बजाय भारतीय सभ्यता के गुणों से अवगत होने का मौका मिलेगा.
सुधा मूर्ति और एसआइ फारूकी जैसे लेखकों की कहानियां शामिल की गयीं
अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों ने कहा कि पहले वाली किताब में ऐसे आठ पोयम थे, जो विदेशी लेखकों के थे, जबकि नयी किताब में पांच विदेशी कविताएं हैं. बाकी सारी कहानियां और कविताएं भारतीय लेखकों ने लिखी हैं. अब बच्चे जो किताब पढ़ेंगे, उसमें क्या-क्या है. सुधा मूर्ति और एसआइ फारूकी जैसे लेखकों की कहानियां शामिल की गयी हैं. ‘हेल्थ एंड वेलनेस’ नाम का एक अध्याय है, जिसमें योग के बारे में भी बताया गया है. नयी किताब में पहली बार ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है. ‘संस्कृति और परंपरा’ नाम के अध्याय में ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों शब्दों का इस्तेमाल हुआ है. इस अध्याय में ‘भारत’ का उल्लेख 19 बार और ‘इंडिया’ का उल्लेख सात बार हुआ है. इस अध्याय में एक भाग ‘हमारा भारत, इनक्रेडिबल इंडिया’ भी है, जिसमें सिर्फ ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल हुआ है. इस भाग में लिखा है, ‘भारत को बुद्धिमान और जांबाज लोगों की धरती के रूप में जाना जाता है… ये सभी चीजें बताती हैं कि भारत की समृद्धि और सम्मान दुनियाभर में है.’
दादी मां की चिट्ठी द्वारा बताया गया है मसालों के इस्तेमाल का तरीका
‘प्रकृति का पोषण’ अध्याय में ‘मसाले जो हमें ठीक करते हैं’ नामक एक भाग है, जिसमें बताया गया है कि मसालों का इस्तेमाल सिर्फ खाने में ही नहीं, बल्कि दवा के रूप में भी किया जा सकता है. इसमें एक दादी मां द्वारा अपने नाती-पोतों को लिखी गयी चिट्ठी का उदाहरण दिया गया है, जिसमें उन्होंने अलग-अलग मसालों के फायदे बताये हैं.
साइंस, सोशल साइंस, मैथ्स की किताब अब भी पूरी तरह से बाजार में नहीं हैं उपलब्ध
इस साल एनसीइआरटी एनसीएफ 2023 की सिफारिशों के आधार पर तीसरी कक्षा और छठी कक्षा की किताबें बदल रही हैं. तीसरी कक्षा की किताब तो अप्रैल-मई में आ गयी, लेकिन छठी कक्षा की किताब अभी पूरी तरह से नहीं आयी है. वह भी सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी की. अब भी सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और गणित छठी कक्षा की किताबें अभी तैयार नहीं हैं. जब तक ये बुक्स रेडी नहीं होते, तब तक स्कूलों को ‘ब्रिज प्रोग्राम’ से पढ़ाने के लिए कहा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है