बिहार में आने वाले दिनों में खाद और कीटनाशक दवाइयों की बिक्री के लिए दुकान खोलना आसान नहीं होगा. फर्टिलाइजर और कीटनाशी वही बेच पायेंगे, जिन्होंने केमिस्ट्री में स्नातक की पढ़ाई की हो. इसके लिए नियमों में बदलाव करने की तैयारी चल रही है. सरकार की मंशा प्रैक्टिसिंग एग्रीकल्चरल इनपुट्स डीलर्स को पैरा – एक्सटेंशन प्रोफेशनल्स में बदलने की है. ताकि राज्य में कृषि विस्तार तंत्र को मजबूत किया जा सके. इससे इनपुट डीलर्स को किसानों की बेहतर सेवा करने में मदद मिलेगी.
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने इस विषय पर कहा कि फर्टिलाइजर बिक्री के लाइसेंस के लिए स्नातक होना अनिवार्य है. बिहार में इसका स्वरूप कैसा होगा, स्नातक के अलावा और क्या योग्यता होगी आदि बातों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे. कृषि विभाग 15 दिनों का क्रैस कोर्स कराकर खाद बिक्री का लाइसेंस देने पर भी काम कर रहा है.
गौरतलब है भारत सरकार ने बीते साल एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके अनुसार कृषि स्नातक व डीएइएसआइ (Diploma in Agricultural Extension Services for Input Dealers) डिप्लोमाधारी ही रासायनिक खाद व कीटनाशक दवा बेच सकेंगे. भारत सरकार के इस नये सर्कुलर से बिहार में निजी खाद और कीटनाशक दवा बिक्री करने वाले लोगों में बेचैनी बढ़ गयी.
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फर्टिलाइजर बेचने के लिए लाइसेंस लेने को इच्छुक व्यक्ति को पहले कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर अपना आधार कार्ड निबंधित करना होता है. साइट पर फॉर्म के लिंक में मांगी गयी पूरी जानकारी देनी होगी. सारे कागजात स्कैन कर अपलोड करने होंगे. कागजात की सूची भी वहीं मिल जायेगी. हार्ड कॉपी को एक सप्ताह के भीतर संबंधित कार्यालय में जमा कराना होगा. इसके बाद कृषि विभाग निर्धारित अवधि में जांच आदि पूरी कर लाइसेंस जारी कर देगा.