इस बार 28 अक्टूबर को नहाय खाए के साथ शुरू हो रहे महापर्व छठ को लेकर पटना में जोर शोर से तैयारी चल रही है. पटना में गंगा का जलस्तर धीरे धीरे कम हो रहा है. लेकिन इसके साथ ही घाटों पर कीचड़ भी जम गया है. इसी कारण से घाटों पर फिसलन बढ़ी हुई है और यह छठ पूजा के लिए खतरनाक है. ऐसे में अब पटना जिला प्रशासन ने शहर के 16 घाटों को खतरनाक घोषित कर दिया है.
पटना जिला प्रशासन द्वारा घोषित किए गए खतरनाक घाटों की सूची में शामिल घाट पर इस बार छठ पर्व के अवसर पर अर्घ्य देना प्रतिबंधित रहेगा. इस दौरान यहां आम लोगों के आने-जाने पर भी रोक रहेगी. लोगों को इसकी जानकारी हो इसके लिए यहां पर लाल कपड़े का एक घेरा भी बनाया जायेगा.
पटना के कई घाटों पर पानी अधिक होने के कारण दलदल जैसी स्थिति बनी हुई है. यहां तक जाने के लिए एप्रोच रोड में भी समस्या है. गंगा नदी के किनारे इन घाटों पर अर्घ्य देने या पानी में उतरने के लिए अनुकूल परिस्थिति नहीं रहने के आधार पर लोगों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इन्हें खतरनाक घोषित किया गया है.
इन 16 खतरनाक घाटों को छोड़ कर अन्य सभी घाटों पर छठ महापर्व का आयोजन होगा. जिले के करीब 90 गंगा घाटों पर और 45 तालाबों पर छठ पूजा का आयोजन होगा. इसके अतिरिक्त लोग अपने घरों की छतों और पार्कों में भी छठ कर सके इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा गंगा जल मुहैया करवाया जायेगा.
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पटना जिला प्रशासन ने बुधवार को खतरनाक घाटों की सूची जारी कर दी है. कुल 16 खतरनाक घाटों के नाम इस सूची में हैं.
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नारियल घाट
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जेपी सेतु पूर्वी घाट
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बांस घाट
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कलेक्ट्रेट घाट
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महेंद्रू घाट
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टीएन बनर्जी घाट
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अंटा घाट
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अदालत घाट
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मिश्री घाट
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टेढ़ी घाट
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गड़ेरिया घाट
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नुरुद्दीनगंज घाट
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भरहरवा घाट
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महाराज घाट
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कंटाही घाट
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गुरुगोविंद सिंह कॉलेज घाट या किला घाट